विराट कोहली और अनिल कुंबले विवाद पर विनोद राय का बयान, कही ये बड़ी बात
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली बुधवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के आधिकारिक रूप से अध्यक्ष नियुक्त कर दिए गए। BCCI की मुंबई में हुई बैठक में गांगुली को आधिकारिक रूप से बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। गांगुली की नियुक्ति के साथ ही प्रशासकों की समिति के शासन का भी अंत हो गया। इसके बाद प्रशासकों की समिति के चीफ विनोद राय ने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कोहली-कुंबले विवाद पर बड़ा बयान दिया।
अनिल कुंबले बेस्ट कोच थे- विनोद राय
साक्षात्कार में विनोद राय ने कहा कि अनिल कुंबले उस वक्त के बेस्ट कोच थे। अगर उनके कॉन्ट्रैक्ट में उनका कार्यकाल आगे बढ़ाने का नियम होता, तो उसे ज़रूर बढ़ाया जाता। उन्होंने कहा, "अनिल कुंबले उस वक्त सबसे बेस्ट कोच थे। अगर उनके कॉन्ट्रैक्ट में उनका कार्यकाल बढ़ाने का का नियम होता, तो हम उसे बढ़ाते। मैं अनिल कुंबले की बहुत इज्जत करता हूं।" बता दें कि अनिल कुंबले के बाद ही रवि शास्त्री को मुख्य कोच बनाया गया था।
विराट कोहली नहीं चाहते थे कि कुंबले कोच बने रहे- विनोद
विनोद ने कहा, "चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान मैं बर्मिंघम में सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली से मिला था। इस मुद्दे पर मेरी उन दोनों से लंबी चर्चा हुई थी। इन दोनों ने अनिल कुंबले और विराट कोहली से बात की थी।" उन्होंने आगे कहा, "मैंने सचिन से कहा कि वह कोहली से बात करें, मैं कोहली को नहीं जानता था, लेकिन उनसे बात करने के बाद मुझे लगा कि वह कुंबले को कोच पद पर बरकरार रखना नहीं चाहते थे।"
जब विराट को सचिन और गांगुली नहीं मना पाए, तो मैं क्या करता- विनोद
विनोद ने आगे कहा, "मुझे लगा कि गांगुली और सचिन के कद के खिलाड़ी अगर कोहली से बात करेंगे तो कुछ होगा, लेकिन हाल ही में गांगुली ने मुझे बताया कि उन्होंने कोहली से बात की थी।" उन्होंने आगे कहा, "अब आप ही बताइए, जब कोहली को सचिन और गांगुली नहीं मना पाए, तो मैं क्या करता। अगर ड्रेसिंग रूम में कप्तान और कोच के बीच मतभेद हों, तो किसे हटाया जा सकता है, जायज़ सी बात है कोच को।"
अगर कोहली और कुंबले का विवाद आज होता तो कुंबले ही कोच होते- विनोद
हालांकि, इंटरव्यू में विनोद राय ने आगे एक बड़ा बयान भी दिया। उन्होंने कहा, "अगर कोहली और कुंबले का विवाद आज होता, जब गांगुली BCCI के अध्यक्ष हैं, तो कोहली को गांगुली का फैसला मानना ही पड़ता और कुंबले ही टीम के कोच रहते।"