एशेज सीरीज के इतिहास में गेंदों के लिहाज से खेले गए सबसे छोटे टेस्ट मैच
क्या है खबर?
एशेज सीरीज में टेस्ट क्रिकेट के सबसे रोमांचक और चौंकाने वाले मुकाबले देखने को मिले हैं, जिनमें कुछ मैच गेंदों के लिहाज से बेहद कम समय में निपट गए। तेज गेंदबाजों के कहर, बल्लेबाजों की नाकामी और परिस्थितियों के असर ने इन मुकाबलों को इतिहास के सबसे छोटे टेस्ट मैचों में शामिल किया। गेंदों की संख्या के आधार पर ये टेस्ट मैच एशेज की यादगार कहानियों का हिस्सा हैं, जिनके आंकड़े आज भी क्रिकेट प्रेमियों को हैरान कर देते हैं।
#1
788 गेंद, साल-1888
साल 1888 में एशेज सीरीज का तीसरा टेस्ट मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड क्रिकेट मैदान पर हुआ था। ये मुकाबला सिर्फ 788 गेंदों में ही खत्म हो गया था। इंग्लैंड क्रिकेट टीम पहले बल्लेबाजी करने आई और सिर्फ 172 रन पर ऑलआउट हो गई थी। जवाब में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम केवल 81 रन बनाने के बाद पवेलियन लौट गई। कंगारू टीम फॉलोऑन खेलने उतरी और 70 रन बनाकर ऑलआउट हो गई। इंग्लैंड ने पारी और 21 रन से मुकाबला जीता था।
#2
792 गेंद, साल-1888
साल 1888 में एशेज सीरीज का पहला टेस्ट लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर खेला गया था। वह मुकाबला केवल 792 गेंदों तक चला था। कंगारू टीम पहले बल्लेबाजी करने उतरी और 116 रन पर ऑलआउट हो गई। जवाब में इंग्लैंड सिर्फ 53 रन ही बना पाई। ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी में 60 रन बनाए और इंग्लैंड को 124 रनों का लक्ष्य दिया। हालांकि, दूसरी पारी में इंग्लैंड 62 रन बनाकर ऑलआउट हो गई और वे मुकाबला 61 रन से हार गए।
#3
847 गेंद, साल-2025
साल 2025 में खेला गया एशेज सीरीज का पर्थ टेस्ट मैच सिर्फ 847 गेंदों तक चला था। इंग्लैंड पहले बल्लेबाजी करने उतरी और 172 रन पर ऑलआउट हो गई। मिचेल स्टार्क ने 7 विकेट लिए। जवाब में ऑस्ट्रेलिया की पारी 132 रन पर समाप्त हुई। बेन स्टोक्स ने 5 विकेट चटकाए। इंग्लैंड दूसरी पारी में 164 रन ही बना पाई। कंगारू टीम ने ट्रेविस हेड के शतक (123) की मदद से 205 रन का लक्ष्य आसानी से हासिल कर लिया।
#4
852 गेंद, साल-2025
साल 2025 का मेलबर्न टेस्ट केवल 852 गेंदों में खत्म हो गया। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी 152 रन पर समाप्त हो गई। जोश टंग ने 5 विकेट चटकाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम सिर्फ 110 रन ही बना पाई। कंगारू टीम की दूसरी पारी भी कुछ खास नहीं रही और वो 132 रन पर ऑलआउट हो गए। इंग्लैंड ने दूसरे दिन ही 175 रन का लक्ष्य 6 विकेट खोकर हासिल कर लिया। जैकब बेथेल ने सबसे ज्यादा 40 रन बनाए।