सात्विक-चिराग की जोड़ी ने रचा इतिहास, एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण
भारत के सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने रविवार (30 अप्रैल) को एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। यह इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय युगल जोड़ी बन गई है। इस भारतीय जोड़ी ने स्वर्ण पदक के लिए खेले गए मुकाबले में मलेशिया के ओंग यू सिन और तियो ई यि की जोड़ी को 16-21, 21-17, 21-19 से हराया। आइए मैच की विस्तृत खबर जानते हैं।
भारतीय जोड़ी ने गंवाया पहला गेम
दुबई में खेले गए इस मुकाबले की रोचक शुरुआत रही और भारतीय शटलरों ने आक्रामक खेल दिखाया। हालांकि, उन्हें विपक्षी जोड़ी से अच्छी टक्कर देखने को मिली। पहले गेम में एक समय स्कोर 11-11 से बराबरी पर था। इसके बाद भारतीय जोड़ी ने कई गलतियां की, जिसका खामियाजा उन्हें गेम हारकर चुकाना पड़ा। दूसरी तरफ मलेशियाई जोड़ी ने दबाव में अच्छा खेल दिखाकर पहले गेम को 21-16 से अपने नाम कर लिया।
सात्विक-चिराग ने किया पलटवार
दूसरे गेम की शुरुआत से ही मलेशियाई जोड़ी ने अपनी बढ़त बना ली थी और एक समय स्कोर 7-3 से उनके पक्ष में था। ऐसे में भारतीय जोड़ी ने कमाल की वापसी करते हुए गेम को अपने नाम किया। उसके बाद तीसरा और निर्णायक गेम रोमांचक रहा, जिसमें भारतीय जोड़ी ने दबाव में अच्छा खेल दिखाकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया। स्वर्ण पदक का यह मैच 1 घंटा 7 मिनट तक चला।
भारत ने 58 साल बाद इस चैंपियनशिप में जीता स्वर्ण
भारत ने एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में 58 साल लम्बे अंतराल के बाद स्वर्ण पदक जीता है। बता दें कि इससे पहले 1965 में दिनेश खन्ना ने पुरुष एकल मुकाबले का स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उन्होंने फाइनल में थाईलैंड के सांगोब रत्तनुसोर्न को हराया था। इससे पहले इस चैंपियनशिप में भारतीय पुरूष युगल टीम का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कांस्य पदक रहा था, जो 1971 में दीपू घोष और रमन घोष की जोड़ी ने जीता था।