महान करियर के बावजूद सचिन को अपने करियर से हैं दो पछतावे, जानें
क्या है खबर?
पूर्व भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर का करियर शानदार रहा और उन्हें क्रिकेट के सबसे महान बल्लेबाजों में से एक माना जाता है। वनडे और टेस्ट दोनों फॉर्मेट में सचिन सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं और उनके नाम अनेकों रिकॉर्ड दर्ज हैं।
हालांकि, इतना सबकुछ होने के बावजूद सचिन को अपने करियर से दो पछतावे हैं जिनके बारे में उन्होंने खुलासा किया है।
आइए जानते हैं सचिन को क्या पछतावा होता है।
बयान
गावस्कर के साथ नहीं खेल पाने का है पछतावा- सचिन
News 18 के मुताबिक सचिन ने बताया कि सुनील गावस्कर के साथ नहीं खेल पाने का उन्हें काफी पछतावा होता है।
उन्होंने कहा, "गावस्कर के खिलाफ नहीं खेलना मेरा पहला पछतावा है। जब मैं बड़ा हो रहा था तब गावस्कर मेरे हीरो थे और उनके साथ नहीं खेल पाने का मुझे पछतावा होता है। मेरे डेब्यू करने से दो साल पहले ही गावस्कर ने संन्यास ले लिया था।"
दूसरा पछतावा
रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाने का भी है पछतावा- सचिन
सचिन ने आगे बताया कि पूर्व कैरेबियन ग्रेट विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाने का भी उन्हें मलाल है।
उन्होंने कहा, "अपने बचपन के हीरो विवियन रिचर्ड्स के खिलाफ नहीं खेल पाने का मुझे मलाल है। मैंने काउंटी क्रिकेट में उनके खिलाफ खेला है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मुझे यह मौका नहीं मिला। भले ही रिचर्ड्स 1991 में रिटायर हुए, लेकिन मुझे उनके खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला।"
करियर
शानदार रहा है सचिन का अंतरराष्ट्रीय करियर
सचिन ने अपने वनडे करियर में 463 मैचों में 44.83 की औसत से 18,426 रन अपने नाम किए हैं। इस दौरान उन्होंने 49 शतक और 96 अर्धशतक भी लगाए हैं। उन्होंने वनडे में पुरुष क्रिकेट में सबसे पहला दोहरा शतक भी लगाया है।
इसके अलावा उन्होंने टेस्ट करियर में 200 मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और 53.78 की औसत से 15,921 रन बनाए। इस अंतराल में सचिन ने 51 शतक और 68 अर्धशतक भी जड़े हैं।
रिकॉर्ड्स
सचिन के नाम दर्ज हैं कुछ ये शानदार रिकॉर्ड्स
वनडे क्रिकेट विश्व कप में सचिन ने सबसे अधिक रन बनाए हैं। 1992 से 2011 तक लगातार छह विश्व कप खेलने वाले सचिन ने 56.95 की औसत के साथ 2,278 रन बनाए हैं।
ICC के सबसे बड़े इवेंट में 2,000 या उससे अधिक रन बनाने वाले वह इकलौते बल्लेबाज हैं। इस दौरान उन्होंने रिकॉर्ड छह शतक और 15 अर्धशतक लगाए हैं। शून्य पर आउट हुए बिना उन्होंने दूसरी सबसे अधिक 136 अंतरराष्ट्रीय पारियां खेली हैं।