रूपल चौधरी ने अंडर-20 एथलेटिक्स में दो पदक जीतकर रचा इतिहास

भारतीय धाविका रूपल चौधरी ने इस समय खेले जा रही अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में इतिहास रच दिया है। वह जूनियर स्तर पर एथलेटिक्स चैंपियनशिप में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं। उन्होंने महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतकर यह कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे पहले उन्होंने इसी प्रतियोगिता की 4x400 मीटर रिले में रजत पदक हासिल किया था। इस खबर पर एक नजर डालते हैं।
महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में रूपल ने 51.85 सेकेंड के समय के साथ रहते कांस्य पदक हासिल किया। इस दौड़ का स्वर्ण ग्रेट ब्रिटेन की यमी मैरी जॉन के नाम रहा, जिन्होंने 51.50 सेकेंड का समय निकाला। वहीं केन्या की दमारिस मुटुंगा (51.71) ने रजत पदक अपने नाम किया। भले ही रूपल ने कांस्य जीता हो लेकिन यह उनका अब तक का सर्वश्रेष्ठ व्यक्तिगत प्रदर्शन बन गया है।
इससे पहले बीते मंगलवार को रूपल ने 4x400 मीटर रिले रेस में रजत पदक जीता था। भारत से श्रीधर, प्रिया मोहन, कपिल और रूपल ने रिले में 3.17.76 मिनट के एशियन जूनियर रिकॉर्ड के साथ मेडल जीता था। उस रेस में भारत सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के बाद दूसरे स्थान पर रहा, जिन्होंने चैंपियनशिप रिकॉर्ड समय 3:17.69 मिनट के साथ स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था।
इसके साथ ही रूपल अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स में महिलाओं की रेस में पदक जीतने वाली सिर्फ दूसरी भारतीय खिलाड़ी बनी हैं। उनसे पहले हिमा दास ने साल 2018 के संस्करण में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। बता दें ओलंपिक पदक विजेता नीरज चोपड़ा अंडर-20 एथलेटिक्स में स्वर्ण जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी थे। इस टूर्नामेंट के इतिहास में अब तक भारतीय के खाते में केवल नौ पदक आए हैं।
रूपल उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की रहने वाली हैं। वह किसान परिवार से संबंध रखती हैं और उनके पिता खेती करते हैं। महज 17 वर्षीय रूपल ने इस साल की शुरुआत में नेशनल अंडर-20 फेडरेशन कप में महिलाओं की 400 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने पदक के लिए दावेदार मानी जा रही कर्नाटक की प्रिया मोहन को हराकर स्वर्ण अपने नाम किया था।