अगले साल लेवर कप खेलने के लिए वैंकूवर जा सकता हूं- रोजर फेडरर
टेनिस दिग्गज रोजर फेडरर ने हाल ही में संन्यास लिया है। उन्होंने लेवर कप के रूप में अपना आखिरी टूर्नामेंट खेला था। फेडरर पिछले कुछ सालों से घुटनें की चोट से परेशान थे। संन्यास लेने के कुछ ही दिनों बाद फेडरर ने अब एक चौंकाने वाला बयान दिया है। फेडरर ने कहा है कि वह अगले साल फिर लेवर कप में खेल सकते हैं। आइए जानते हैं फेडरर ने क्या कहा।
अगले साल वैंकूवर जा सकता हूं- फेडरर
टीम वर्ल्ड ने टीम यूरोप को हराते हुए पहली बार लेवर कप टूर्नामेंट जीता और इसकी समाप्ति के बाद फेडरर ने कहा कि उन्होंने इस टूर्नामेंट के हर संस्करण का जमकर लुत्फ उठाया है। उन्होंने कहा, "अगला साल एकदम से अलग होने वाला है। मैं इसको लेकर रोमांचित हूं और मुझे भरोसा है कि यह शानदार होने वाला है। मैं अगले साल वैंकूवर जाने के बारे में सोच रहा हूं।"
आखिरी मैच के बाद भावुक हो गए थे फेडरर
फेडरर ने बीते शनिवार (24 सितंबर) को राफेल नडाल के साथ टीम बनाकर डबल्स मुकाबला खेला जो उनके करियर का आखिरी मुकाबला साबित हुआ। मैच के बाद 41 वर्षीय फेडरर भावुक हो गए और टेनिस कोर्ट पर ही फूट-फूटकर रोने लगे। उन्हें भावुक देख साथी खिलाड़ी नडाल और नोवाक जोकोविच भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। अंतिम मैच में फेडरर-नडाल की युगल जोड़ी को फ्रांसेस टियाफो और जैक सॉक की अमेरिकी जोड़ी ने 4-6, 7-6 (2), 11-9 से शिकस्त दी।
शानदार रहा है फेडरर का टेनिस करियर
फेडरर अपने अंतरराष्ट्रीय टेनिस करियर में 31 बार ग्रैंड स्लैंम के फाइनल में पहुंचे। 20 बार वे खिताब जीतने में कामयाब रहे, जबकि 11 बार उन्हें उपविजेता बनकर संतोष करना पड़ा। फेडरर ने अपना पहला ग्रैंड स्लैम वर्ष 2003 में जीता था। इसके बाद उन्होंने करियर में छह ऑस्ट्रेलियन ओपन, आठ विंबलडन, एक फ्रेंच ओपन और पांच US ओपन के खिताब जीतने में सफलता हासिल की है।
फेडरर के करियर की कुछ खास उपलब्धियां
फेडरर ने स्विटजरलैंड के लिए भी दो बार ओलंपिक मेडल भी हासिल किए। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में फेडरर ने डबल्स स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीता था। 2012 के लंदन ओलंपिक में फेडरर ने सिंगल्स में सिल्वर मेडल जीता था। फाइनल में एंडी मरे से उन्हें हार मिली थी। फेडरर तीसरे सबसे ज्यादा ग्रैंड स्लैम खिताब (20) जीतने वाले पुरुष टेनिस खिलाड़ी हैं। उनसे ज्यादा खिताब स्पेन के नडाल (22) और सर्बिया के नोवाक जोकोविच (21) ने जीते हैं।