रविचंद्रन अश्विन ने भारतीय टीम की कप्तानी न मिलने पर दिया बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया में खेली जा रही बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के ब्रिसबेन में खेले गए तीसरे टेस्ट के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था। भारत लौटने के बाद अब उन्होंने अपने लंबे करियर के बाद भी टीम की कप्तानी न मिलने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें अपने करियर का कोई पछतावा नहीं है, जिसमें टीम की कप्तानी न मिलना भी शामिल है।
अश्विन ने क्या दिया बयान?
अश्विन ने स्काई स्पोर्ट्स पॉडकास्ट में कहा, "जब मैंने अपना क्रिकेट करियर शुरू किया था, तो मुझे बहुत पहले ही प्रथम श्रेणी की कप्तानी मिल गई थी। मैंने अपनी टीम के लिए कुछ टूर्नामेंट भी जीते हैं।" उन्होंने आगे कहा, "मुझे विश्वास है कि मेरे अंदर यह क्षमता थी, लेकिन मुझे इस बात का कोई अफसोस नहीं है कि मैं अपने देश का नेतृत्व नहीं कर पाया क्योंकि यह ऐसी जीत है, जिसे मैं नियंत्रित नहीं कर सकता हूं।"
"कप्तानी मिलती तो उठाता उसका आनंद"
अश्विन ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि मुझे टीम का नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त योग्य समझा गया। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं नेतृत्व के लिए पर्याप्त योग्य नहीं हूं। मेरे भीतर, मैं उस समूह में एक महान नेता था जो अन्य लोगों की सफलता में योगदान करने में सक्षम था।" उन्होंने कहा, "मुझे अब इस बात का कोई भी अफसोस नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि अगर कप्तानी करता तो मैं इसक आनंद उठाता।"
ऐसा रहा अश्विन का अंतरराष्ट्रीय करियर
अश्विन ने अपने बेमिसाल टेस्ट क्रिकेट करियर का अंत 24.00 की उम्दा औसत से 537 विकेटों के साथ किया। उन्होंने 106 टेस्ट मैच की 200 पारियों में भारत के लिए गेंदबाजी की थी। उन्होंने अपने वनडे क्रिकेट करियर में 116 मैच खेले, जिसमें 33.20 की औसत के साथ 156 विकेट लिए थे। उन्होंने अपने टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर में 65 मैच खेले, जिसमें 23.22 की औसत और 6.90 की इकॉनमी रेट के साथ 72 विकेट लिए थे।