ऑस्ट्रेलिया दौरे पर मोहम्मद शमी की अनुपस्थिति पर रिकी पोंटिंग और रवि शास्त्री ने उठाए सवाल
क्या है खबर?
हाल ही में सम्पन्न हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम ने 3-1 से जीत दर्ज की।
भारतीय क्रिकेट टीम ने एक दशक बाद इस प्रतिष्ठित ट्रॉफी में शिकस्त का सामना किया।
5 मैचों की इस टेस्ट सीरीज में मोहम्मद शमी टीम का हिस्सा नहीं थे।
इस बीच पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान रिकी पोंटिंग और रवि शास्त्री ने शमी को टीम में नहीं शामिल किए जाने के BCCI के फैसले पर सवाल उठाए हैं।
चोट
घुटने की चोट के कारण लम्बे समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर हैं शमी
टखने की चोट के कारण शमी वनडे विश्व कप 2023 के बाद से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से बाहर हैं।
2024 की शुरुआत में सर्जरी के बावजूद, वह बॉर्डर-गावस्कर सीरीज के शुरू होने से पहले घरेलू क्रिकेट में लौट आए थे।
इसके बाद ऐसी उम्मीद थी कि शमी सीरीज के आखिरी 2 टेस्ट में शामिल किए जा सकते हैं।
हालांकि, BCCI की मेडिकल टीम ने चौथे टेस्ट से पहले घुटने में सूजन का हवाला देते हुए शमी पर अपडेट दिया था।
शास्त्री
शमी का रिहैब टीम के साथ ही कराना चाहिए था- रवि शास्त्री
पूर्व भारतीय कोच शास्त्री ने ICC रिव्यू के एक एपिसोड के दौरान कहा, "ईमानदारी से कहूं तो मैं मीडिया में चल रही इस बात से बहुत हैरान हूं कि मोहम्मद शमी के साथ आखिर हुआ क्या था।"
शास्त्री ने आगे कहा, "मैं उन्हें टीम का हिस्सा बनाए रखता और सुनिश्चित करता कि उनका रिहैब टीम के साथ हो। अगर तीसरे टेस्ट मैच तक हमें लगता कि यह खिलाड़ी बाकी सीरीज नहीं खेल पाएगा तो मैं उन्हें रिलीज कर देता।"
बयान
चोटिल शमी भी अंतर पैदा कर सकते थे- रिकी पोंटिंग
पोंटिंग का मानना था कि चोटिल शमी भी टीम के लिए उपयोगी साबित हो सकते थे।
उन्होंने शास्त्री का समर्थन करते हुए कहा, "मुझे सच में आश्चर्य हुआ जब शमी को सीरीज के बीच में भी नहीं बुलाया गया। अगर शमी पूरी तरह से फिट नहीं भी होते और अगर उन्हें एक दिन में कम ओवर गेंदबाजी करनी होती, तो भी आपके पास तेज गेंदबाजी का विकल्प होता। वह अंतर पैदा कर सकते थे।"
लेखा-जोखा
बॉर्डर-गावस्कर सीरीज में बुमराह को नहीं मिल सका अच्छा साथ
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में जसप्रीत बुमराह को छोड़कर कोई अन्य तेज गेंदबाज अपनी उपयोगिता साबित करने में नाकाम रहे।
5 टेस्ट की 9 पारियों में 13.06 की औसत के साथ सर्वाधिक 32 विकेट चटकाए। उन्होंने 3 पारियों में 5 विकेट हॉल लिए।
वहीं मोहम्मद सिराज ने 10 पारियों में 31.15 की औसत से 20 विकेट हासिल किए।
इन दोनों के अलावा कोई अन्य भारतीय गेंदबाज 10 विकेट भी नहीं ले सके।