रणजी ट्रॉफी 2024: पृथ्वी शॉ ने शतक के साथ की दमदार वापसी, जानिए उनके आंकड़े
क्या है खबर?
रणजी ट्रॉफी 2024 में मुंबई क्रिकेट टीम के आक्रामक सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ ने छत्तीसगढ़ के खिलाफ एलीट ग्रुप-B के मुकाबले में जोरदार शतक (159) जड़कर शानदार वापसी की।
यह उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर का 13वां शतक रहा।
पिछले मैच से पेशेवर क्रिकेट में वापसी करने वाले दाएं हाथ का बल्लेबाज ने शुरू से ही गेंदबाजों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और मैदान के चारों ओर आकर्षक शॉट खेले।
आइए उनकी पारी और आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
पारी
कैसी रही शॉ की पारी?
रायपुर में पहले बल्लेबाजी करने उतरी मुंबई टीम को शॉ और भूपेन लालवानी की सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दी।
इस दौरान शॉ ने तेजी से रन बनाते हुए 52 ओवर में टीम के स्कोर को 200 के पार पहुंचा दिया।
शॉ ने महज 102 गेंदों में अपना शतक पूरा कर लिया। वह 185 गेंदों में 159 रन (18 चौके, 3 छक्के) बनाकर आउट हुए।
दोनों के बीच पहले विकेट के लिए 244 रन की अहम साझेदारी हुई।
संघर्ष
लंबे समय से चोट से जूझ रहे थे शॉ
शॉ को इंग्लैंड में 2023 वन-डे कप प्रतियोगिता के दौरान घुटने के लिगामेंट में चोट लग गई थी। उसके बाद इस स्टार ओपनर को राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (NCA) में पुनर्वास के लिए भेजा गया था।
इसके कारण वह सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और रणजी सीजन के शुरुआती चरण नहीं खेल पाए थे।
बंगाल के खिलाफ मैच में उन्हें टीम में शामिल किया था, जिसमें उन्होंने 35 रन का योगदान देते हुए टीम को जीत दिलाई थी।
करियर
कैसा रहा है शॉ का प्रथम श्रेणी करियर?
शॉ ने रणजी ट्रॉफी 2016-17 के सेमीफाइनल में तमिलनाडु क्रिकेट टीम के खिलाफ अपने प्रथम श्रेणी करियर का आगाज किया था।
दाएं हाथ के खिलाड़ी ने मैच की दूसरी पारी में ही शतक (120) जड़ दिया था और प्लेयर ऑफ द मैच का पुरस्कार अपने नाम किया था।
वह अब तक 46 प्रथम श्रेणी मैचों में 50 से अधिक के औसत से 3,996 रन बना चुके हैं। इस दौरान वह 13 शतक के साथ 16 अर्धशतक भी जड़ चुके हैं।
उपलब्धि
रणजी ट्रॉफी इतिहास में दूसरा सबसे बड़ा स्कोर शॉ के नाम
शॉ ने पिछले साल रणजी ट्रॉफी इतिहास का दूसरा सबसे बड़ा व्यक्तिगत स्कोर दर्ज करके इतिहास रचा था।
इस धाकड़ बल्लेबाज ने असम के खिलाफ 383 गेंदों में 379 रन (49 चौके, 4 छक्के) की पारी खेली थी।
दिसंबर 1948 में काठियावाड़ के खिलाफ महाराष्ट्र के लिए नाबाद 443 रन बनाने वाले केवल भाऊसाहेब निंबालकर ही इस मामले में उनसे आगे हैं।
कुल मिलाकर शॉ ने अब तक का 17वां उच्चतम प्रथम श्रेणी स्कोर दर्ज किया है।
करियर
शॉ ने अपने डेब्यू टेस्ट में भी जड़ा था शतक
शॉ ने 2018 में घरेलू मैदान पर वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के खिलाफ टेस्ट में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था।
उन्होंने मौके का फायदा उठाया और अपनी पहली पारी में 134 रन बना दिए। इस युवा खिलाड़ी ने 5 मैचों में 42.37 की औसत से 339 टेस्ट रन बनाए हैं।
उन्होंने आखिरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2020-21 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट खेला था। इस बीच शॉ ने एक टी-20 अंतरराष्ट्रीय के अलावा छह वनडे मैच भी खेले हैं।