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प्रो कबड्डी लीग 2019: प्रदीप ने रचा इतिहास, लेकिन फिर भी दिल्ली से हारी पटना

प्रो कबड्डी लीग 2019: प्रदीप ने रचा इतिहास, लेकिन फिर भी दिल्ली से हारी पटना

लेखन Neeraj Pandey
Sep 26, 2019
08:58 pm

क्या है खबर?

प्रो कबड्डी लीग (Pro Kabaddi League) में आज दबंग दिल्ली (Dabang Delhi) ने बेहद रोमांचक मुकाबले में पटना पाइरेट्स (Patna Pirates) को 43-39 के अंतर से हरा दिया। दिल्ली के लिए नवीन कुमार ने लगातार 16वां सुपर टेन लगाया तो वहीं विजय ने अपने करियर का पहला सुपर टेन लगाया। पटना के लिए प्रदीप नरवाल ने लगातार नौवां सुपर टेन लगाते हुए 19 प्वाइंट्स हासिल किए, लेकिन फिर भी अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके।

नवीन कुमार

नवीन ने लगाया लगातार 16वां सुपर टेन

नवीन कुमार ने अपनी शानदार फॉर्म को जारी रखा और इस सीजन लगातार 16वां सुपर टेन लगाया। हालांकि, पहले हाफ में नवीन को पटना ने खामोश रखा था और मात्र 4 प्वाइंट ही लेने दिए थे। दूसरे हाफ में नवीन ने प्वाइंट्स हासिल किए और सीजन का 17वां सुपर टेन लगाया। नवीन ने 7 टच और 4 बोनस प्वाइंट के साथ लीग में अपने 400 प्वाइंट्स पूरे कर लिए हैं।

विजय

विजय की बदौलत जीती दिल्ली

इस मुकाबले में सबकी निगाहें नवीन और प्रदीप पर थीं, लेकिन विजय ने धीरे से अपना काम कर दिया। विजय ने लगातार 2 रेड में दिल्ली को ऑल आउट होने से बचाया और लगातार बोनस के साथ टच प्वाइंट लाते रहे। दूसरे हाफ के 16वें मिनट तक दिल्ली 6 प्वाइंट से पीछे थी, लेकिन विजय ने एक ही रेड में 5 प्वाइंट लेकर दिल्ली की वापसी करा दी। 13 प्वाइंट लेकर विजय ने अपने करियर का पहला सुपर टेन लगाया।

प्रदीप नरवाल

प्रदीप ने रचा इतिहास, लेकिन फिर भी हारी उनकी टीम

प्रदीप नरवाल लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन फिर भी उनकी टीम हार रही है। दिल्ली के खिलाफ प्रदीप ने कुल 19 प्वाइंट्स हासिल किए और प्रो कबड्डी लीग इतिहास में 1,100 रेड प्वाइंट्स हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने। प्रदीप ने 19 में 18 प्वाइंट्स टच के रूप में हासिल किए और मुकाबले में कुल 5 बार टैकल हुए। यह प्रदीप का इस सीजन का 13वां सुपर टेन था।

डिफेंस

पटना की डिफेंस ने किए 19 असफल टैकल

पटना का डिफेंस लगातार प्रदीप की मेहनतों पर पानी फेरने का काम कर रहा है। इस मुकाबलेे में भी पटना के डिफेंस ने कुल 19 असफल टैकल किए जबकि उन्हें केवल 6 टैकल प्वाइंट ही मिले। नीरज कुमार ने सबसे ज़्यादा असफल टैकल किए और उनके 7 में से 6 टैकल असफल रहे। हादी ओस्तरोक के 5 में से 4 तो वहीं जयदीप के 4 में से 3 टैकल असफल रहे।