
पृथ्वी शॉ पर छेड़खानी केस में मुंबई कोर्ट ने लगाया जुर्माना, जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
मुंबई की एक सेशन अदालत ने भारतीय क्रिकेट टीम के बल्लेबाज पृथ्वी शॉ पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सपना गिल द्वारा दायर छेड़खानी मामले में पृथ्वी के जवाब दाखिल न करने पर की गई। अप्रैल 2024 में गिल ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। अदालत ने पुलिस को FIR दर्ज करने का निर्देश देने से इनकार करते हुए केवल प्रारंभिक जांच का आदेश दिया था।
मामला
क्या था पूरा मामला?
गिल ने 15 फरवरी 2023 को अंधेरी के एक पब में पृथ्वी पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि पृथ्वी ने सेल्फी लेने से मना किया और जब उन्होंने दखल दिया तो उनके दोस्त का फोन छीनकर फेंक दिया तथा उन पर हमला किया। गिल के वकील अली काशिफ खान का आरोप है कि पृथ्वी और उनकी टीम बार-बार तारीख बढ़ाने की मांग कर जानबूझकर मामले की कार्यवाही में देरी कर रहे हैं।
मौका
जज ने दिया अंतिम मौका
9 सितंबर को अदालत ने पृथ्वी पर 100 रुपये का जुर्माना लगाया, क्योंकि उनके वकील ने 13 जून को अंतिम मौका दिए जाने के बावजूद जवाब दाखिल नहीं किया था। न्यायाधीश एस. एम. अगरकर ने कहा कि पिछली तारीख पर अंतिम अवसर दिया गया था, लेकिन इसके बाद भी एक और मौका दिया जा रहा है, बशर्ते दूसरी ओर को 100 रुपये की लागत का भुगतान किया जाए। अदालत के इस आदेश से मामले की सुनवाई अब आगे बढ़ेगी।
घटना
घटना के बाद नहीं हुई थी FIR
गिल ने FIR दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उन्होंने अप्रैल 2023 में अंधेरी मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया। अदालत ने FIR दर्ज करने में देरी नोट की और आरोपों को गंभीर मानते हुए सांताक्रूज थाने को सीआरपीसी की धारा 202 के तहत जांच कर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। गिल ने बाद में इस आदेश को चुनौती दी और कहा कि पुलिस की लापरवाही से पीड़ितों को सुरक्षा नहीं मिल रही है।
जवाब
16 सितंबर को होगी अगली सुनवाई
पृथ्वी ने अभी तक अदालत में गिल के आरोपों का औपचारिक जवाब नहीं दिया है। सेशन अदालत ने उन्हें कई बार जवाब दाखिल करने का मौका दिया, लेकिन वह नाकाम रहे। अब अदालत ने उन पर 100 रुपये का प्रतीकात्मक जुर्माना लगाते हुए अंतिम अवसर दिया है कि वे अपना जवाब दाखिल करें। मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर 2025 को निर्धारित की गई है, जहां पृथ्वी से स्पष्ट जवाब की उम्मीद की जा रही है।