टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा चौके लगाने वाले खिलाड़ियों पर नजर
टेस्ट क्रिकेट में रन बनाना किसी भी बल्लेबाज के लिए काफी मुश्किल होता है। ये क्रिकेट का सबसे मुश्किल प्रारूप माना जाता है। शुरुआती ओवर में तेज गेंदबाज परेशान करते हैं और जब गेंद पुरानी हो जाती है तो स्पिन गेंदबाजों को मदद मिलती है। हालांकि, टेस्ट में कई यादगार पारियां भी खेली गई हैं। ऐसे में आइए उन शीर्ष बल्लेबाजों के बार में जानते हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट की एक पारी में सबसे ज्यादा चौके जड़े हैं।
जॉन एडरिच (52 चौके)
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज जॉन एडरिच इस सूची में पहले स्थान पर हैं। उन्होंने साल 1965 में न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच में 310 रन की पारी खेली थी। उन्होंने 450 गेंदों का सामना किया था और 52 चौके जड़ दिए थे। उनके बल्ले से 5 छक्के भी निकले थे। उनकी शानदार पारी के कारण इंग्लैंड ने 546 रन बना दिए थे। मुकाबले में उनकी टीम को पारी और 187 रन से जीत मिली थी।
वीरेंद्र सहवाग (47 चौके)
वीरेंद्र सहवाग इस सूची में दूसरे स्थान पर हैं। साल 2006 में भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर गई थी। सीरीज का पहला टेस्ट मैच लाहौर में खेला गया था। पहले बल्लेबाजी करते हुए पाकिस्तान क्रिकेट टीम ने 679/7 का स्कोर बना दिया था। जवाब में सहवाग ने 247 गेंदों में 254 रन की पारी खेली थी। उनके बल्ले से 47 चौके और 1 छक्का निकला था। उनकी स्ट्राइक रेट 102.83 की रही थी। यह मुकाबला ड्रॉ रहा था।
डॉन ब्रैडमैन (46 चौके)
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज डॉन ब्रैडमैन इस सूची में तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने साल 1930 में इंग्लैंड के खिलाफ 334 रनों की पारी खेली थी। उन्होंने 448 गेंदों का सामना किया था और 46 चौके जड़ दिए थे। उनके बल्ले से इस पारी में 1 भी छक्का नहीं निकला था। पहली पारी में कंगारू टीम ने 566 रन बना दिए थे। यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।
ब्रायन लारा (45 चौके)
वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा इस सूची में चौथे स्थान पर हैं। उन्होंने साल 1994 में इंग्लैंड के खिलाफ 375 रन की पारी खेली थी। उन्होंने 538 गेंदों का सामना किया था। उनके बल्ले से 45 चौके निकले थे। लारा के बल्ले से उस पारी में छक्का नहीं निकला था। वेस्टइंडीज ने पहली पारी में 593 रन बनाए थे। जवाब में इंग्लैंड ने भी इतने रन बना दिए थे। यह मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हुआ था।