भारतीय मूल के खिलाड़ी, जिन्होंने ओलंपिक में दूसरे देशों के लिए जीते पदक
पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई से होने वाला है, जिसमें दुनिया भर के लगभग 10,500 खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। पिछले टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में कुल 7 पदक आए थे और भारतीय दल के खिलाड़ी आगामी संस्करण में पदक संख्या में इजाफा करना चाहेंगे। इस बार भारत के 117 खिलाड़ी दम दिखाने के लिए तैयार हैं। आइए उन खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं, जो भारतीय मूल के होकर दूसरे देशों के लिए पदक जीत चुके हैं।
मोहिनी भारद्वाज
साल 2004 के ओलंपिक खेल एथेंस में खेले गए थे। अमेरिका की जिमनास्ट मोहिनी भारद्वाज, जिनका जन्म फिलाडेल्फिया, पेंसिल्वेनिया में हुआ था। उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। मोहिनी पहली भारतीय-अमेरिकन थी, जिन्होंने ओलंपिक में पदक अपने नाम किया था। वह मूल रूप से उत्तर भारत की रहने वाली हैं। उनके पिता का नाम अरुण भारद्वाज और माता का नाम इंदू है। मोहिनी ने 4 साल की उम्र से ही इस खेल का अभ्यास करने लगी थीं।
राज भावसार
एक अन्य अमेरिकी जिमनास्ट खिलाड़ी राज भावसार, जिनका जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन, टेक्सास में हुआ था। उन्होंने 2008 के बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। भावसार के पिता वडोदरा, गुजरात से हैं और उनकी मां का जन्म कंपाला, युगांडा में हुआ था। भावसार ने अपनी शुरुआती शिक्षा गुजरात में पूरी की थी। उनके पिता काम के तलाश के लिए अमेरिका गए थे और वहीं के होकर रह गए। भावसार ने अमेरिका में ही जिमनास्टिक सिखी थी।
राजीव राम
साल 2016 का ओलंपिक रियो में खेला गया था। उस संस्करण में राजीव राम ने दिग्गज टेनिस खिलाड़ी वीनस विलियम्स के साथ मिलकर अमेरिका के लिए मिक्स्ड डबल्स में रजत पदक जीता था। राजीव मूल रूप से कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के रहने वाले हैं। उन्होंने अमेरिका के लिए ऑस्ट्रेलियन ओपन, फ्रेंच ओपन, विंबलडन और US ओपन भी खेला है। हालांकि, उन्होंने इन टूर्नामेंट में कोई ट्रॉफी अपने नाम नहीं की है।
एलेक्सी सिंह ग्रेवाल
एलेक्सी सिंह ग्रेवाल का जन्म अमेरिका के एक पंजाबी सिख परिवार में हुआ था। उनके 2 भाई हैं, जिनका नाम ऋषि और रंजीत है। एलेक्सी ने साल 1984 के लॉस एंजिल्स ओलंपिक में इतिहास रच दिया था। वह अमेरिका के पहले साइकिलिंग खिलाड़ी बने थे, जिन्होंने रोड रेस में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उनके दोनों भाई भी साइकिलिंग किया करते थे। साल 2004 में ग्रेवाल को 'USA बाइसिकलिंग हॉल ऑफ फेम' भी चुना गया था।