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पाउलो डिबाला ने बताया कैमरा ऑफ होने के बाद कैसे हैं रोनाल्डो

पाउलो डिबाला ने बताया कैमरा ऑफ होने के बाद कैसे हैं रोनाल्डो

लेखन Neeraj Pandey
Apr 27, 2019
07:19 pm

क्या है खबर?

चाहे वह कैमरा हो या फिर मैदान जब बात परफॉर्मेंस की आती है तो क्रिस्टियानो रोनाल्डो ढेर सारे इमोशंस वाले व्यक्ति हैं। हालांकि, उनके चाहने वाले हमेशा इस बात को जानने की कोशिश करते हैं कि आखिर कैमरा ऑफ होने के बाद रोनाल्डो किस तरह का व्यवहार करते हैं। युवेंटस में रोनाल्डो के टीममेट पाउलो डिबाला ने इस प्रकरण पर प्रकाश डाला है और उन्होंने बताया है कि रोनाल्डो का व्यवहार ड्रेसिंग रूम में किस तरह का होता है।

साधारण व्यक्ति

रोनाल्डो साधारण व्यक्ति हैं- डिबाला

Corriere della Serra से बात करते हुए डिबाला ने रोनाल्डो के साथ होने वाली अपनी रोज की बातचीत का खुलासा किया और कहा कि वह यह देखकर चौंक गए थे कि रोनाल्डो इतने विनम्र इंसान हैं। डिबाला ने कहा, "किसी ने इस बात की कल्पना नहीं की थी और यहां तक कि हमने भी नहीं। रोनाल्डो को अपने पास देखकर हमें पता चला कि वह साधारण व्यक्ति हैं।"

बयान

रोनाल्डो को सबके साथ मजाक करना पसंद

मुद्दे पर आगे बात करते हुए डिबाला ने कहा, "उनके पास फील्ड पर होने के लिए अपना कैरेक्टर और इमेज है, लेकिन ड्रेसिंग रूम में वह बिल्कुल अलग हैं। वह हम लोगों जैसे ही हैं और सबके साथ मजाक करना उन्हें पसंद है।"

डिबाला

रोनाल्डो के आने से परेशान नहीं हैं डिबाला

पिछले सीजन तक डिबाला युवेंटस के लिए बेहद कीमती खिलाड़ी थे, लेकिन रोनाल्डो के आगमन के बाद वह मिड-कार्ड बन गए हैं और उनके महत्व में कमी आई है। हालांकि, डिबाला को इन बातों से फर्क नहीं पड़ता है। डिबाला ने कहा, "एक खिलाड़ी की जीवन रोलर-कोस्टर की तरह होता है। एक दिन आप बेस्ट होते हैं तो वहीं अगले दिन बेकार। बैलेंस हासिल कर पाना हमेशा कठिन होता है।"

जानकारी

तुरीन में शानदार रहा है रोनाल्डो का आगमन

रोनाल्डो का युवेंटस के साथ सफर सही रहा है। अभी तक रोनाल्डो ने युवेंटस के लिए 39 मुकाबलों में 26 गोल दागे हैं। चैंपियन्स लीग में उनकी टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी और रोनाल्डो का प्रदर्शन शानदार रहा था।

नंबर 10

नंबर 10 बनकर खुश हैं डिबाला

डिबाला ने यह भी कहा कि उनके लिए नंबर 10 की जर्सी पहनना गर्व की बात है क्योंकि यह एक बड़ी जिम्मेदारी का काम है। उन्होंने कहा कि इस ऑफर के बारे में काफी सोच विचार करने के बाद वह इसे ठुकरा नहीं सके क्योंकि वह इस बात को साबित करना चाहते थे कि वह इस सम्मान के हकदार हैं। डिबाला ने अंत में कहा, "हमें अपनी लिमिट से आगे जाने का साहस जरूर हासिल करना चाहिए।"