बांग्लादेश के क्रिकेट खिलाड़ी शाकिब अल हसन पर लगा हत्या का आरोप, मामला दर्ज
बांग्लादेश क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेट खिलाड़ी शाकिब अल हसन बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं। उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है। कुल 156 लोगों पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है, जिसमें शाकिब का नाम भी है। शाकिब के अलावा इस मामले में बांग्लादेश के अभिनेता फिरदौस अहमद का नाम भी शामिल किया गया है। ऐसे में आइए पूरी खबर एक नजर डाल लेते हैं।
क्या है मामला?
दरअसल, हाल ही में बांग्लादेश में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शन में रुबेल नमक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 5 अगस्त को रुबेल ने एक विरोध मार्च में हिस्सा लिया था। इसी दौरान भीड़ पर गोलियां चलाईं गईं थी। रुबेल को छाती और पेट में गोली लगी थी। अब मृतक रुबेल के पिता रफीकुल इस्लाम में ढाका के अदबोर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराया है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भी इस मामले में आरोपी बनाई गईं हैं।
मामले में शाकिब का नाम क्यों?
शाकिब और फिरदौस इसी साल जनवरी में आवामी लीग के टिकट पर सासंद बने थे। ये पार्टी बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री हसीना की है। इसलिए इन दोनों का नाम मामले में आया है। शाकिब अभी पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज खेल रहे हैं। वर्तमान में बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार चल रही है। शाकिब जब अपने वतन वापस लौटेंगे तब यह मामला तुल पकड़ सकता है।
अमेरिका जा सकते हैं शाकिब
शाकिब बांग्लादेश के खुलना में रहते हैं।हिंसा शुरू होने के बाद से वे बांग्लादेश नहीं गए हैं। उनकी पत्नी और बच्चे अमेरिका में रहते हैं। हो सकता है शाकिब भी अमेरिका चले जाएं। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के अध्यक्ष फारूक अहमद ने शाकिब को लेकर कुछ दिन पहले कहा था कि अगर शाकिब स्वदेश में तैयारी शिविरों के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं, तो उन्हें उनके भविष्य पर फैसला करना होगा।
विवादों से है शाकिब का पुराना नाता
शाकिब पहले भी कई विवादों में फंस चुके हैं। उन्होंने फोटो लेने पहुंचे एक फैन के साथ बदसलूकी की थी। वह कई बार अंपायर के किसी फैसले का कड़ा विरोध जताते हुए दिखे हैं। एक बार तो गुस्से में उन्होंने पैर से विकेट तोड़ दिए थे। वह अंपायर को भी मारने तेजी से आगे बढ़े थे। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने एक सट्टेबाज के संपर्क की रिपोर्ट नहीं करने के कारण उनपर 2 साल का प्रतिबंध लगा दिया था।