वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट में डेब्यू कर सकते हैं मुकेश कुमार, जानिए उनके आंकड़े
भारतीय क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बीच टेस्ट सीरीज का आगाज 12 जुलाई से होने जा रहा है। सीरीज में अनुभवी तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी और जसप्रीत बुमराह नहीं खेल रहे हैं। ऐसे में युवा भारतीय तेज गेंदबाजों को मौका मिल सकता है। मुकेश कुमार घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करते आए हैं। वह टीम का हिस्सा भी हैं। ऐसे में वेस्टइंडीज के खिलाफ वह डेब्यू कर सकते हैं। आइए उनके आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं।
फर्स्ट क्लास करियर में शानदार हैं मुकेश के आंकड़े
अपने फर्स्ट क्लास करियर के 39 मैचों में मुकेश ने 149 विकेट झटके हैं। इस गेंदबाज ने 6 बार पारी में 5 विकेट हॉल लिए हैं। फर्स्ट क्लास क्रिकेट में मुकेश ने 8 बार पारी में 4 विकेट हॉल भी अपने नाम कर चुके हैं। उन्होंने 21.55 की औसत और 2.70 की इकॉनमी से अपना जलवा बिखेरा है। मुकेश रणजी ट्रॉफी में बंगाल क्रिकेट टीम की ओर से खेलते हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 8/84 का रहा है।
लिस्ट-A मैचों में कैसे हैं मुकेश के आंकड़े?
मुकेश ने घरेलू क्रिकेट में अपना पहला लिस्ट- A मुकाबला यूपी के खिलाफ साल 2015 में खेला था। उन्होंने अब तक 24 मुकाबले खेले हैं। इस दौरान 37.46 की औसत से 26 विकेट लेने में कामयाब रहे हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 3/71 का रहा है। मुकेश लिस्ट- A क्रिकेट में अभी तक 5 विकेट हॉल या फिर 4 विकेट हॉल लेने में कामयाब नहीं हो पाए हैं। मुकेश गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने के लिए जाने जाते हैं।
क्यों मिल सकता है मुकेश को मौका?
वेस्टइंडीज की पिच तेज गेंदबाजों को काफी रास आती है। पिछले काफी सालों से मुकेश अपनी तेज गति की गेंदों से घरेलू क्रिकेट में अपना लोहा मनवाते आए हैं। मुकेश गेंद को स्विंग तो करवाते ही हैं, इसके साथ ही उनकी लाइन लेंग्थ भी शानदार रहती है। इससे बल्लेबाजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गेंद अगर पुरानी हो जाती है तो मुकेश बाउंसर और शॉर्ट गेंदों का भी अच्छा उपयोग करते हैं।
अभावों में गुजरा है मुकेश का बचपन
मुकेश अभी भारत के लिए किसी भी फॉर्मेट में नहीं खेल पाए हैं। हालांकि, वह दिल्ली कैपिटल्स (DC) के लिए इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में खेलते नजर आए थे। वे बिहार की राजधानी पटना से लगभग 150 किलोमीटर दूर गोपालगंज जिले के एक छोटे से गांव काकरकुंड के रहने वाले हैं। ये गांव आज भी कई मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। मुकेश को घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए अपना घर छोड़कर बंगाल जाना पड़ा था।