इन कप्तानों ने वनडे क्रिकेट में हारे हैं सबसे ज्यादा मुकाबले, जानिए कौन है शीर्ष पर
क्रिकेट के किसी भी प्रारूप में कप्तान की जिम्मेदारी बहुत बड़ी होती है। गेंदबाज हो या बल्लेबाज मुकाबले के दौरान सभी को कप्तान ही संभालता है। वनडे क्रिकेट में तो यह जिम्मेदारी और भी ज्यादा बढ़ जाती है। इस प्रारूप में जल्दी-जल्दी फैसले लेने होते हैं। रिकी पोंटिग इस प्रारूप के सबसे सफल कप्तान हैं। उन्होंने 165 मुकाबले जीते हैं। इस बीच आइए उन कप्तानों के बारे में जानते हैं, जिन्होंने सबसे ज्यादा हार झेली है।
स्टीफन फ्लेमिंग (106 हार)
सूची में पहले स्थान पर न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज स्टीफन फ्लेमिंग हैं। उन्होंने पहली बार साल 1997 में कप्तानी की थी। आखिरी बार वह 2007 में कप्तान के तौर पर नजर आए थे। फ्लेमिंग 218 मुकाबलों में न्यूजीलैंड के कप्तान रहे। इस दौरान उनकी टीम को 106 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। टीम को 98 मैच में जीत मिली थी और 1 मुकाबला टाई रहा था। 13 मैच में कोई नतीजा नहीं निकल पाया था।
अर्जुन राणातुंगा (95 हार)
इस सूची में दूसरे स्थान पर श्रीलंका क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अर्जुन राणातुंगा हैं। उन्होंने पहली बार श्रीलंका टीम की कप्तानी साल 1988 में की थी। आखिरी बार वह 1999 में टीम की कप्तानी करते हुए नजर आए थे। राणातुंगा ने 193 वनडे मुकाबलों में कप्तानी की और उनकी टीम को 95 में हार का सामना करना पड़ा था। 89 मुकाबले टीम ने जीते थे। 1 मैच टाई रहा था और 8 मुकाबलों में कोई नतीजा नहीं निकला था।
मोहम्मद अजहरुद्दीन (76 हार)
इस सूची में तीसरे स्थान पर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं। उन्होंने साल 1990 में पहली बार भारतीय टीम की कप्तानी की थी। आखिरी बार 1999 में वह कप्तान के तौर पर वनडे क्रिकेट में नजर आए थे। उनकी कप्तानी में टीम ने 174 वनडे मैच खेले थे, टीम को 76 में हार मिली थी और 90 मुकाबले भारतीय टीम ने जीते थे। 2 मैच टाई थे और 6 मुकाबलों में कोई नतीजा नहीं निकला था।
महेंद्र सिंह धोनी (74 हार)
चौथे स्थान पर भारतीय टीम को वनडे विश्व कप दिलाने वाले कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं। उन्होंने 2007 में पहली बार क्रिकेट के इस प्रारूप में कप्तानी की थी। आखिरी बार वह 2018 में कप्तान के तौर पर खेले थे। वह 200 मुकाबलों में कप्तान रहे, जिसमें भारतीय टीम ने 110 मैच जीते थे। 74 मुकाबलों में टीम को हार का सामना करना पड़ा था। 5 मैच टाई रहे थे और 11 मुकाबलों में कोई नतीजा नहीं निकल पाया था।