ICC के सदस्य बने मंगोलिया, स्विटजरलैंड और तजाकिस्तान, 106 हुई कुल सदस्यों की संख्या
क्या है खबर?
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) लगातार क्रिकेट को पूरे विश्व में फैलाने की कोशिश में लगा है। लगातार कई देशों को ICC का सदस्य बनाया जा रहा है और अब इस लिस्ट में तीन नए देशों की एंट्री हुई है।
78वीं एनुअल जनरल मीट के बाद ICC ने मंगोलिया, स्विटजरलैंड और तजाकिस्तान को सदस्यता दी है। अब 106 देशों के पास ICC की सदस्यता हो गई है जिसमें से 94 एसोसिएट हैं।
बयान
महिलाओं और युवाओं में खेल को बढ़ाना देने की दिखी है प्रतिबद्धता- ग्लेनराइट
ICC के डेवलेपमेंट जनरल मैनेजर विलियम ग्लेनराइट ने कहा कि वह ICC परिवार में तीन नए सदस्यों का स्वागत करने के लिए काफी उत्सुक हैं और इससे पता चलता है कि खेल का प्रसार अच्छे से हो रहा है।
उन्होंने आगे कहा, "तीनों ही सदस्यों ने महिला और युवाओं में खेलों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दिखाी है और हम उन्हें इसमें सफलता हासिल कराने के लिए सहयोग करने के लिए तैयार हैं।"
MCA
2007 में हुई थी मंगोलियन क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना
मंगोलियन क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) की स्थापना 2007 में की गई थी। नेशनल यूथ गेम्स में इस खेल को ऑफिशियली 2019 में स्वीकार किया गया था। ICC रिलीज के मुताबिक स्कूल क्रिकेट में हिस्सा ले रहे खिलाड़ियों में 39 प्रतिशत महिलाएं शामिल हैं।
सितंबर 2021 में मंगोलिया में इंटरनेशनल यूथ ग्रीन गेम्स का आयोजन किया जाना है और इसमें क्रिकेट को एक प्रतिस्पर्धा के रूप में रखा गया है।
स्विटजरलैंड
स्विटजरलैंड में हैं 33 सक्रिय क्लब
क्रिकेट स्विटजरलैंड (CS) को एसोसिएशन के रूप में 2014 में शुरु किया गया था और वर्तमान समय में इसमें 33 सक्रिय क्लब हैं। वहां पुरुषों की तीन घरेलू प्रतियोगिताएं कराई जाती हैं और वे लगातार सेंट्रल यूरोपियन टूर्नामेंट्स में हिस्सा लेते हैं।
तजाकिस्तान क्रिकेट फेडरेशन की शुरुआत 2011 में खेल मंत्रालय और ओलंपिक कमेटी की मदद से की गई थी। यहां लगातार क्रिकेट को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं।
सदस्यता
खत्म हुई जांबिया की सदस्यता, रूस को किया गया निलंबित
2019 में हुई ICC की AGM में जांबिया को निलंबित किया गया था। ICC की सदस्यता के लिए बनाए गए मापदंडों पर खरा नहीं उतरने के कारण अब उनकी सदस्यता खत्म कर दी गई है।
रूस को भी निलंबित किया गया है और यदि ICC के अगले AGM से पहले तक वे अपनी कमियों को दूर नहीं कर सके तो फिर उनकी सदस्यता खत्म होने की भी संभावना है।