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27 Nov 2018
मिताली राज ने कोच रमेश पोवार और डायना एडुल्जी पर लगाए गंभीर आरोप
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भारतीय महिला वनडे टीम की कप्तान मिताली राज ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड से जुड़ी प्रशासकों की समिति (COA) की सदस्य डायना एडुल्जी व मौजूदा भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कोच रमेश पोवार पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
दरअसल महिला टी-20 विश्व कप इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में टीम में जगह नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया देते हुए मिताली ने कहा कि कोच रमेश पोवार ने उन्हें अपमानित किया। इसके साथ ही मिताली ने एडुल्जी पर पक्षपात का भी आरोप लगाया।
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पत्र
मिताली राज ने BCCI के CEO राहुल जौहरी को लिखा पत्र
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मिताली ने लिखा- "मैं अपने देश के लिए विश्व कप जीतना चाहती थी। मुझे काफी दुख हुआ, क्योंकि हमने एक सुनहरा मौका खो दिया। मुझे पता है कि इस ई-मेल को लिखकर मैं खुद को और भी कमजोर बना रही हूं। वह (एडुल्जी) एक COA सदस्य हैं और मैं सिर्फ एक खिलाड़ी हूं। मैंने सेमीफाइनल से पहले लगातार दो अर्धशतक जड़े थे, फिर भी मुझे सेमीफाइनल मैच से बाहर रख कर उन्होंने पूरी दुनिया को चकित कर दिया था।"
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बयान
हरमनप्रीत से नहीं है कोई शिकायत- मिताली
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मिताली ने लिखा है कि उन्हें टी-20 टीम की कप्तान हरमनप्रीत के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। मिताली ने यह भी लिखा कि हरमनप्रीत ने कोच रमेश पवार के उस फैसले का समर्थन किया जिसमें उन्होंने मुझे सेमीफाइनल से बाहर रखने को कहा था।
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प्रदर्शन
सेमीफाइनल से पहले बेहतरीन फॉर्म में थीं मिताली राज
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महिला टी-20 विश्व कप के पांच मैचों में से मिताली को सिर्फ दो मैचों में ही भारतीय टीम में जगह मिली थी।
मिताली ने दो मैचों में 103.88 के स्ट्राइक रेट से 107 रन बनाएं थे, जिसमें दोनों मैचों में उन्होंने अर्धशतकीय पारियां खेली थी।
मिताली ने पाकिस्तान के खिलाफ 56 और आयरलैंड के खिलाफ 51 रनों की पारी खेली थी, इसके बावजूद मिताली को इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल जैसे अहम मैच में टीम में जगह नहीं मिली थी।
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भारतीय टीम
सेमीफाइनल मैच में भारतीय टीम को मिली थी करारी शिकस्त
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आपको बता दें कि इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइलन में भारतीय टीम 19.3 ओवर में 112 रनों पर ही ढ़ेर हो गई थी।
भारतीय टीम ने अपने आखिरी सात विकेट महज़ 23 रनों के भीतर ही खो दिए थे, जिसके बाद मिताली को टीम में शामिल न करने पर सवाल खड़े होने लगे थे।
मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत ने कहा था कि मिताली को न खिलाने का फैसला उन्होंने टीम हित में लिया था, जिसका उन्हें कोई अफसोस नहीं है।