2007 टी-20 विश्वकप में मैच रेफरी ने की थी मेरे बल्ले की जांच- युवराज सिंह
क्या है खबर?
पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह ने 2007 टी-20 विश्वकप में अपने बल्ले से खूब धमाल मचाया था।
इंग्लैंड के खिलाफ स्टुअर्ट ब्रॉड के एक ओवर में छह छक्के लगाने वाले युवराज का 12 गेंदों में अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड आज भी कायम है।
हालांकि, युवराज ने हाल ही में खुलासा किया है कि छह छक्के लगाने के बाद उनके बल्ले पर सवाल उठने लगे थे।
उन्होंने यह भी बताया कि मैच रेफरी ने उनका बल्ला चेक भी किया था।
बयान
मैच रेफरी ने बल्ले की जांच की थी- युवराज
युवराज ने स्पोर्ट्स तक को बताया कि सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 30 गेंदों में 70 रन बनाने के बाद एडम गिलक्रिस्ट ने भी बल्ले पर संदेह जताया था और उनसे पूछा था कि बल्ला कौन बनाता है।
उन्होंने कहा, "मैच रेफरी ने भी मेरा बल्ला चेक किया था। ईमानदारी से कहूं तो वह बल्ला मेरे लिए काफी स्पेशल था। मैंने कभी उस तरह के बल्ले से नहीं खेला था। वह और 2011 विश्वकप का बल्ला मेरे लिए स्पेशल है।"
फेवरिट कप्तान
गांगुली रहेंगे हमेशा मेरे फेवरिट कप्तान- युवराज
युवराज ने पूर्व भारतीय कप्तान और वर्तमान BCCI अध्यक्ष सौरव गांगुली की खूब सराहना की और उन्हें युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने वाला बताया।
उन्होंने कहा, "सौरव गांगुली हमेशा मेरे फेवरिट कप्तान रहेंगे। भारत के सभी कप्तानों में दादा ने मुझे सबसे ज़्यादा सपोर्ट किया। दादा ने युवा खिलाड़ियों को तैयार किया। उन्होंने कहा था कि 4-5 खिलाड़ी मुझे मजबूत टीम बनाने में सपोर्ट करेंगे और उन्होंने उन सभी को सपोर्ट किया था।"
प्रदर्शन
2007 टी-20 विश्वकप में ऐसा रहा था युवराज का प्रदर्शन
युवराज ने टी-20 विश्वकप 2007 की पांच पारियों में 148 रन बनाए थे। 100 से ज़्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में युवराज का स्ट्राइक रेट (194.73) सबसे ज़्यादा था।
उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ 12 गेंदों में अर्धशतक पूरा करते हुए 16 गेंदों में 58 रनों की पारी खेली थी।
इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में उन्होंने 30 गेंदों में 70 रनों की धुंआधार पारी खेली थी।
दोनों ही मैचों में युवराज ने अकेले दम पर परिणाम बदल दिया था।
टी-20 विश्वकप खिताब
भारत ने जीता था पहला और इकलौता टी-20 विश्वकप खिताब
भारत ने 2007 में पहली बार हुए टी-20 विश्वकप के फाइनल में पाकिस्तान को हराकर खिताब पर अपना कब्जा जमाया था।
हालांकि, इसके बाद से भारत दोबारा टी-20 विश्वकप खिताब जीतने में सफल नहीं हो सका है।
भारत ने 2014 में टी-20 विश्वकप का फाइनल और 2016 में सेमीफाइनल गंवाया था।
2009, 2010 और 2012 में तो भारतीय टीम केवल दूसरे राउंड तक ही पहुंच सकी थी।