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भारत में है सट्टेबाजों का संगठित माफिया समूह- आकिब जावेद

भारत में है सट्टेबाजों का संगठित माफिया समूह- आकिब जावेद

लेखन Neeraj Pandey
May 07, 2020
06:53 pm

क्या है खबर?

उमर अकमल को फिक्सिंग के मामले में तीन साल के लिए बैन किए जाने के बाद कई पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी फिक्सिंग को लेकर बयान दे रहे हैं। अब तक तो लोगों ने अपने यहां की बातें ही कही थीं, लेकिन अब आकिब जावेद का कहना है कि फिक्सिंग का संगठित अपराधी समूह भारत में है। उन्होंने यह भी कहा कि फिक्सिंग का खुलासा करने के लिए उन्हें जान से मारने की धमकी भी मिली थी।

बयान

भारत में है मैच-फिक्सिंग का संगठित माफिया समूह- जावेद

AFP के मुताबिक आकिब ने एक टेलीविजन चैनल से कहा, "IPL को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं और मेरा ख्याल है कि मैच-फिक्सिंग करने वाले माफिया का संगठित समूह भारत में है।"

फिक्सर्स की वापसी

फिक्सर्स की वापसी कराने से बढ़ता है उनका मनोबल- आकिब

आकिब ने इसके अलावा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) की मोहम्मद आमिर को दोबारा वापसी करने का मौका देने के लिए आलोचना भी की है। उन्होंने कहा, "ऐसी चीजों से मैच-फिक्सिंग में शामिल रहने वाले लोगों का मनोबल बढ़ता है।" आकिब के मुताबिक जो लोग फिक्सर्स के खिलाफ आवाज उठाते हैं उनका खुद का करियर बर्बाद हो जाता है। उन्होंने 90 के दशक में वसीम अकरम पर गंभीर आरोप लगाए थे।

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धमकी

मुझे मिली थी जान से मारने की धमकी- आकिब

90 के दशक में चल रही जांच के दौरान आकिब ने एक बयान में कहा था कि मैच-फिक्सिंग से मना करने के कारण अकरम ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया था। आकिब ने बीते बुधवार को कहा कि उन्हें उस समय फिक्सर्स द्वारा जान से मारने की धमकी मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि मैच फिक्स करने के लिए चार-पांच खिलाड़ियों की जरूरत होती थी जो 90 के दशक में कठिन चीज नहीं थी।

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आरोप

क्षमता होने के बावजूद खराब प्रदर्शन करती थी टीम- आकिब

1988 से लेकर 1998 तक चले इंटरनेशनल करियर में तेज गेंदबाज आकिब ने पाकिस्तान के लिए 163 वनडे और 22 टेस्ट मैच खेले हैं। वनडे में उन्होंने 182 और टेस्ट में 54 विकेट हासिल किए हैं। उन्होंने फिक्सिंग के दौर को याद करते हुए कहा, "उस समय हमारी टीम काफी मजबूत थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें कई बार खराब प्रदर्शन करते देखा गया जिसमें सिंगर कप भी शामिल है।"

भारत में फिक्सिंग

भारत में लगातार हो रहा है फिक्सिंग का खुलासा

IPL 2012 के दौरान पांच भारतीय खिलाड़ियों को फिक्सिंग में शामिल होने के कारण बैन किया गया था। इसी प्रकार 2013 में अजीत चंदीला, एस श्रीसंथ और अंकित चव्हाण स्पॉट-फिक्सिंग में संलिप्त पाए गए और उन्हें लाइफटाइम बैन कर दिया गया। पिछले साल कर्नाटक प्रीमियर लीग में स्पॉट-फिक्सिंग का खुलासा किया जिसमें एक टीम के मालिक समेत 10 से ज़्यादा लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। सीएम गौतम जैसा बड़ा खिलाड़ी भी इसमें शामिल था।

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