लगातार प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने पर झलकी कुलदीप यादव की निराशा, दिया बड़ा बयान
भारतीय चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव के लिए पिछले छह महीने काफी कठिन रहे हैं। कुलदीप लगातार भारतीय टीम का हिस्सा रहे, लेकिन उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा गया। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के इस सीजन में भी उन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने लगातार प्लेइंग इलेवन से बाहर रखा। अब कुलदीप ने लगातार प्लेइंग इलेवन से बाहर रहने पर अपनी निराशा जाहिर की है और इस बारे में खुलकर बात की है।
चेन्नई में भी मौका नहीं मिलने पर लगा था कि क्या मैं इतना खराब हूं- कुलदीप
इंडियन एक्सप्रेस के साथ इंटरव्यू में कुलदीप ने कहा कि खास तौर से KKR की प्लेइंग इलेवन से बाहर होना काफी अधिक निराशाजनक रहा। उन्होंने आगे कहा, "चेन्नई में भी मौका नहीं मिलने पर मैं सोच रहा था कि क्या मैं इतना खराब हूं। यह पता होते हुए कि चेन्नई में पिच टर्न करेगा मुझे नहीं खिलाया गया। मैं काफी चौंक गया था, लेकिन कुछ नहीं कर सकता था। जब मैं नहीं खेल रहा तो कुछ भी अच्छा नहीं लगता।"
पिछले दो सीजन से अच्छा नहीं रहा है कुलदीप का प्रदर्शन
KKR ने 2019 सीजन के लिए कुलदीप को 5.9 करोड़ रुपये की कीमत में रिटेन किया था और उस सीजन उन्होंने नौ मैचों में केवल चार विकेट लिए थे। UAE में खेले गए पिछले सीजन में कुलदीप को केवल पांच मैच खेलने का मौका मिला था। पांच मैचों में वह केवल एक ही विकेट ले सके थे। इस सीजन के लिए भी उन्हें रिटेन किया गया, लेकिन एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
माही भाई को काफी ज्यादा मिस करता हूं- कुलदीप
एमएस धोनी की मौजूदगी तक कुलदीप का प्रदर्शन शानदार रहा था, लेकिन उनके जाने के बाद से कुलदीप अधिकतर मौकों पर कंट्रोल में नहीं दिखते हैं। इस बारे में उन्होंने कहा, "मैं माही भाई और उनके सपोर्ट को मिस करता हूं। विकेट के पीछे से वह चिल्लाते रहते थे और मुझे सही निर्देश देते थे। उनके पास काफी ज्यादा अनुभव है। माही भाई थे तो मैं और चहल साथ में खेलते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है।"
अधिक मैच खेलूंगा तो निश्चित तौर पर अच्छा प्रदर्शन करूंगा- कुलदीप
कुलदीप ने कहा कि कलाई वाले गेंदबाजों को आत्मविश्वास हासिल करने में ही दो-तीन मैच लग जाते हैं, लेकिन उन्हें अधिक मैच खेलने का मौका नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा, "मुझे पता है कि यदि मैं 10 मैच खेलूंगा तो चार में अच्छा प्रदर्शन करूंगा और छह में मेरा प्रदर्शन औसत रहेगा। लोग एक मैच के बाद ही टिप्पणी करने लगते हैं और बोलते हैं कि इसका फॉर्म गया।"