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कोहली, रोहित और धवन की वजह से कमज़ोर है भारत का मिडल ऑडर, देखिये आंकड़े

कोहली, रोहित और धवन की वजह से कमज़ोर है भारत का मिडल ऑडर, देखिये आंकड़े

Oct 31, 2018
04:36 pm

क्या है खबर?

भारतीय टीम पिछले कुछ समय से वनडे क्रिकेट में काफी अच्छा परफॉर्म कर रही है। इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने पिछले चार सालों में खेले 86 मैचों में से 58 मैच जीते हैं। मतलब भारत 67 प्रतिशत मैच जीतने में कामयाब रहा है। लेकिन फिर भी भारत के मिडिल ऑर्डर की समस्या अभी तक खत्म नहीं हो पाई है। ऐसा क्यों है आज हम आपको कुछ आंकड़े दिखाकर बताएंगे।

टॉप ऑर्डर

कोहली, धवन और रोहित के पिछले 4 साल के रन

कोहली ने पिछले चार सालों में कुल 71 मैचों में 73.45 की औसत से 4040 रन बनाए हैं। जिसमें 19 शतक शामिल हैं। रोहित शर्मा ने पिछले चार सालों में कुल 65 मैचों में 16 शतक के साथ 3738 रन बनाए हैं। शिखर धवन ने इतने ही सालों में कुल 65 मैचों में 3064 रन बनाए हैं। इन तीनों बल्लेबाज़ो ने मिलकर 10,842 रन बनाए हैं। वहीं टीम इंडिया ने पिछले चार सालों में 21,010 रन बनाए हैं।

विराट, रोहित, धवन

भारतीय टीम में इन तानों खिलाड़ियों का योगदान

भारत ने पिछले चार साल में जितने रन बनाए हैं उनमें से 51.60 प्रतिशत रन विराट, रोहित और धवन ने मिलकर बनाए हैं। और बाकी बचे हुए रन टीम के अन्य खिलाड़ियों ने बनाए हैं, जिनमें धोनी, रहाणे, रायडू, केएल राहुल, केदार जाधव, जडेजा और हार्दिक पांड्या जैसे बड़े नाम शामिल हैं। इसका मतलब है कि भारत ने पिछले चार साल में जितने भी रन बनायें हैं उसके 51.60 प्रतिशत रन इन तीन बल्लेबाज़ो ने बनाए हैं।

कैलकुलेशन

टॉप ऑर्डर की वजह से कमज़ोर है मिडिल ऑर्डर

भारत के लिए ये तीनों खिलाड़ी ही रन बना रहे हैं और टीम के अन्य खिलाड़ी सिर्फ नेट्स पर ही बल्लेबाज़ी कर रहें हैं। टीम में बने रहने की वजह से ये खिलाड़ी ना तो घरेलू क्रिकेट खेल पा रहे हैं और टीम में रहते हुए इन्हें ज्यादा मौके भी नहीं मिल रहें हैं। जब इन्हें मौका मिलता है तो यह रन नहीं बना पाते, बनाए भी कैसे मैदान पर इन्हें ज़्यादा समय बिताने का मौका ही नहीं मिलता है।

निर्भरता

टॉप ऑर्डर पर निर्भर है टीम इंडिया

भारत की जीत के नज़रिए से यह बात ठीक लगती है कि यह तीनों खिलाड़ी अपने कंधों पर टीम का भार लेकर चल रहे हैं। लेकिन जब यह तीनों खिलाड़ी जल्दी आउट हो जाते हैं, तब टीम इंडिया ताश के पत्तों की तरह बिखर जाती है। ऐसे में भारत को 2019 विश्व कप से पहले इस सम्सया से निकलने का रास्ता ढ़ूढ़ना चाहिए, क्योंकि अगर किसी बड़े मैच में ये तीनों बल्लेबाज़ फ्लॉप हो गए तो टीम का क्या होगा।