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केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने एस श्रीसंत को 3 साल के लिए किया निलंबित, जानिए मामला
केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने श्रीसंत को 3 साल के लिए निलंबित किया

केरल क्रिकेट एसोसिएशन ने एस श्रीसंत को 3 साल के लिए किया निलंबित, जानिए मामला

May 02, 2025
04:17 pm

क्या है खबर?

केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) ने पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत को 3 सालों के लिए सभी क्रिकेट संबंधी गतिविधियों से निलंबित कर दिया है। श्रीसंत पर यह कार्रवाई चैंपियंस ट्रॉफी 2025 के लिए भारतीय टीम से संजू सैमसन को बाहर किए जाने को लेकर KCA के खिलाफ की गई विवादास्पद और निंदनीय टिप्पणी को लेकर की गई है। यह निर्णय 30 अप्रैल को कोच्चि में हुई KCA की विशेष आम बैठक में लिया गया है।

नोटिस

श्रीसंत को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस

मलयालम चैनल पर पैनल चर्चा के दौरान KCA और सैमसन को जोड़ने वाली उनकी टिप्पणी के लिए KCA ने श्रीसंत को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उनका संतोषप्रद जवाब न मिलने पर अब श्रीसंत को 3 साल के लिए निलंबित किया गया है। ऐसे में वह अब केरल से लिए 3 साल नहीं खेल पाएंगे। KCA ने स्पष्ट किया कि नोटिस सैमसन का समर्थन करने के लिए नहीं बल्कि संघ के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर दिया था।

कार्रवाई

इन्हें भी दिया गया था नोटिस

श्रीसंत वर्तमान में केरल क्रिकेट लीग की एक फ्रेंचाइजी टीम कोल्लम एरीज के सह-मालिक हैं। ऐसे में मामले में KCA ने कोल्लम एरीज सेलर्स और एलेप्पी रिपल्स फ्रेंचाइजी को भी नोटिस दिया था, लेकिन उनके संतोषजनक जवाब के बाद उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, KCA ने फ्रेंचाइजियों को भविष्य में टीम प्रबंधन में नए सदस्यों को शामिल करते समय अधिक सावधानी बरतने की चेतावनी दी है।

प्रकरण

क्या है KCA और श्रीसंत का पूरा मामला? 

श्रीसंत और KCA के बीच विवाद तब पैदा हुआ जब सैमसन को केरल की विजय हजारे ट्रॉफी टीम से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भी नजरअंदाज कर दिया गया था। इससे श्रीसंत काफी नाराज थे और उन्होंने सैमसन के चैंपियंस ट्रॉफी में नहीं चुने जाने पर KCA पर सवाल खड़े किए थे। उनका आरोप था कि एसोसिएशन की नीतियों और लड़ाई की वजह से ही सैमसन को भारतीय टीम में जगह नहीं मिली।

जानकारी

श्रीसंत पर लग चुका है स्पॉट फिक्सिंग का आरोप 

बता दें कि श्रीसंत कई बार विवादों रह चुके हैं। उन पर साल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग का भी आरोप लगा था। उस मामले में BCCI ने उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था, लेकिन बाद में उसे घटाकर 7 का कर दिया गया था।