पूर्व कोच तुषार ने भारतीय महिला क्रिकेट टीम चयन पर उठाए सवाल, बताया राजनीति से प्रभावित
क्या है खबर?
हाल ही में भारतीय महिला क्रिकेट टीम का कोच रमेश पवार को बनाया गया। उन्हें डब्लूवी रमन की जगह यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इस बीच महिला टीम के पूर्व कोच तुषार अरोठे का मानना है कि टीम में लगातार कोचों को बदलना सही फैसला नहीं है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि महिला क्रिकेट में मनमानी से फैसले लिए जा रहे हैं।
जानते हैं उन्होंने क्या कहा है।
जानकारी
2017-2018 में भारतीय टीम के कोच रह चुके हैं तुषार अरोठे
अरोठे साल 2017-18 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच की भूमिका निभा चुके हैं। उनके कार्यकाल के दौरान भारतीय टीम 2017 में हुए विश्व कप में उपविजेता रही थी।
बयान
रमन के साथ थोड़ा अनुचित हुआ है- अरोठे
अरोठे ने क्रिकेटनेक्सट से कहा, "मेरा मानना है कि पद के लिए 35 से अधिक आवेदन आए थे और फिर उन्होंने आठ को शॉर्टलिस्ट किया। मैं वास्तव में नहीं जानता कि मानदंड क्या थे या उन्होंने आवेदनों की जांच कैसे की। मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि यह रमन के साथ थोड़ा अनुचित है। उनके कार्यकाल में टीम टी-20 विश्व कप के फाइनल में पहुंची और उनका अधिकांश कार्यकाल लॉकडाउन की भेंट चढ़ा।"
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पवार की नियुक्ति पर क्या बोले अरोठे?
नए कोच पवार की नियुक्ति को लेकर उन्होंने कहा कि टीम को अब सारे विवाद भुलाकर भविष्य के बारे में सोचना चाहिए।
उन्होंने कहा, "वेस्टइंडीज में हुए विश्व कप के दौरान पवार और मिताली राज के बीच हुआ विवाद जगजाहिर है लेकिन अब यह एक नई शुरुआत है। अतीत में जो कुछ भी हुआ, उसे हमें यहीं भूल जाना चाहिए। अब हमें विश्व कप जीतने का लक्ष्य रखने की जरूरत है।"
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महिला क्रिकेट में होती है राजनीति- अरोठे
आरोठे का कहना है कि महिला क्रिकेट में काफी राजनीति होती है जबकि इसकी तुलना में पुरुष क्रिकेट बहुत पारदर्शी है।
उन्होंने कहा, "मैंने टीम में बहुत करीब से जो देखा है, वह यह है कि बहुत मनमानी चल रही है। यदि टीम किसी टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन नहीं करती है, तो कोच को बर्खास्त कर दिया जाता है। यदि कोई खिलाड़ी कोच के साथ अच्छा नहीं करता है, तो उनके कहने पर बदल दिया जाता है।"
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चयनकर्ताओं के पास विजन नहीं है- अरोठे
अरोठे ने टीम चयनकर्ताओं के फैसले पर भी सवाल खड़े किए हैं।
उन्होंने आगे कहा, "चयनकर्ताओं के पास विजन नहीं है। हम लंबे ब्रेक के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेल रहे थे। शिखा पांडे को टीम में शामिल नहीं किया गया और मैंने सुना कि उन्हें आराम दिया गया है। मेरा मतलब है, आप उस खिलाड़ी को कैसे आराम देंगे जो 12 महीने से नहीं खेला है?"