भारत के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले क्रिकेटर दत्ताजीराव गायकवाड़ का निधन
क्या है खबर?
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान दत्ताजीराव गायकवाड़ का मंगलवार को बड़ौदा में निधन हो गया।
वह भारत के सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले टेस्ट क्रिकेटर रहे। वे भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज और राष्ट्रीय कोच अंशुमान गायकवाड़ के पिता थे।
उम्र से संबंधित स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दत्ताजीराव ने 95 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। वह पिछले 12 दिनों से बड़ौदा के एक अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे थे
डेब्यू
दत्ताजीराव ने साल 1952 में किया था डेब्यू
दत्ताजीराव ने साल 1952 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और साल 1959 में भारतीय क्रिकेट टीम की कप्तानी की।
कप्तान के रूप में उनकी पहली सीरीज इंग्लैंड क्रिकेट टीम के खिलाफ थी। हालांकि, उस सीरीज में भारतीय टीम सभी 5 टेस्ट हार गई थी।
उन्होंने भारत के लिए 11 टेस्ट मैच खेले थे और उनका आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच साल 1961 में था। उन्होंने चेन्नई में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला।
जानकारी
सबसे लंबे समय तक जीवित रहने वाले भारतीय टेस्ट क्रिकेटर
पूर्व भारतीय बल्लेबाज दीपक शोधन (87) की मृत्यु के बाद साल 2016 में दत्ताजीराव भारत के सबसे उम्रदराज जीवित टेस्ट क्रिकेटर बन गए थे। उनका बड़ौदा के साथ प्रथम श्रेणी करियर शानदार रहा और उन्होंने राज्य को नई प्रतिभाओं को तलाशने में भी मदद की।
आंकड़ों
दत्ताजीराव के आंकड़ों पर एक नजर
दत्ताजीराव ने 11 टेस्ट में 350 रन बनाए थे, जिसमें सिर्फ 1 अर्धशतक शामिल था। दुर्भाग्य से उनके अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के आंकड़े प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके शानदार बल्लेबाजी के अनुरूप नहीं थे।
उन्होंने 110 प्रथम श्रेणी मैचों में 36.40 की औसत से 5,788 रन बनाए थे। इस दौरान उन्होंने 17 शतक और 23 अर्द्धशतक लगाए थे।
रणजी ट्रॉफी में उन्होंने 3,139 रन बनाए थे, जिसमें 14 शतक शामिल थे। उनका घरेलू क्रिकेट करियर 17 सालों का था।
जानकारी
दत्ताजीराव ने बड़ौदा को 1957-58 में रणजी ट्रॉफी खिताब दिलाया
दत्ताजीराव ने बड़ौदा के कप्तान के रूप में उन्हें 1957-58 में रणजी ट्रॉफी का खिताब दिलाया था। उन्होंने सर्विसेज क्रिकेट टीम के खिलाफ फाइनल में शानदार शतक भी जड़ा था। उन्होंने ग्रुप-स्टेज में गत चैंपियन मुंबई क्रिकेट टीम के खिलाफ दोहरा शतक भी लगाया था।