टी-20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू में शून्य पर आउट हुए हैं ये भारतीय बल्लेबाज
जिम्बाब्वे क्रिकेट टीम ने हरारे में खेले गए पहले टी-20 मुकाबले में भारतीय क्रिकेट टीम को 13 रन से हरा दिया। जीत के लिए मिले 116 रन के छोटे से लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने निराश किया और पूरी टीम सिर्फ 102 रन बनाकर सिमट गई। इस मैच में अभिषेक शर्मा अपना खाता भी नहीं खोल सके। इस बीच टी-20 अंतरराष्ट्रीय में डेब्यू पारी में शून्य पर आउट होने वाले भारतीय बल्लेबाजों के बारे में जानते हैं।
अभिषेक शर्मा बनाम जिम्बाब्वे (2024)
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2024 में धमाकेदार प्रदर्शन करने वाले अभिषेक को आखिरकार भारत की ओर से टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिल ही गया। वह कप्तान शुभमन गिल के साथ पारी की शुरुआत करने आए। हालांकि, वह अपनी पहली पारी में सिर्फ 4 गेंदों का सामना करते हुए शून्य पर आउट हुए। वह पारी के पहले ओवर में ब्रायन बेनेट की गेंद पर वेलिंगटन मसाकाद्जा को कैच दे बैठे।
पृथ्वी शॉ बनाम श्रीलंका (2021)
पृथ्वी शॉ ने 2021 में श्रीलंका क्रिकेट टीम के खिलाफ अपना पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। पारी की पहली गेंद पर पृथ्वी बिना कोई रन बनाए आउट हो गए थे। उन्हें दुष्मंथा चमीरा ने विकेटकीपर मिनोद भानुका के हाथों कैच आउट कराया था। उस मैच में भारत ने पहले खेलते हुए 164/5 का स्कोर बनाया था। जवाब में श्रीलंकाई टीम 18.3 ओवर में 126 रन पर ही सिमट गई थी।
केएल राहुल बनाम जिम्बाब्वे (2016)
केएल राहुल ने 2016 में जिम्बाब्वे के खिलाफ अपने टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया था। हरारे में खेले गए अपने पहले मुकाबले में राहुल पहली ही गेंद पर आउट हो गए थे। उन्हें डोनाल्ड ट्रिपानो ने बोल्ड कर दिया था। वह टी-20 अंतरराष्ट्रीय में डेब्यू पारी में शून्य पर आउट होने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बने थे। उस मुकाबले में भारतीय टीम जीत के लिए मिले 171 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी थी।
महेंद्र सिंह धोनी बनाम दक्षिण अफ्रीका (2006)
भारतीय क्रिकेट टीम ने दिसंबर 2006 में अपना पहला टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेला था और उसमें 6 विकेट से जीत दर्ज की थी। जोहानसबर्ग में खेले गए उस ऐतिहासिक मैच में महेंद्र सिंह धोनी सिर्फ 2 गेंदों पर बिना खाता खोले आउट हो गए थे। उन्हें चार्ल लैंगवेल्ट ने बोल्ड कर दिया था। वीरेंद्र सहवाग की कप्तानी में खेलते हुए मुकाबले में भारत ने लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया था।