भारत बनाम श्रीलंका, पहला टेस्ट: रविंद्र जडेजा ने लगाया अपना दूसरा टेस्ट शतक
क्या है खबर?
मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट में भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा ने शतक लगा दिया है। दूसरे दिन के पहले सेशन में जडेजा ने अपने टेस्ट करियर का दूसरा शतक लगाया है।
पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 45 रन बनाकर नाबाद रहने वाले जडेजा ने दूसरे दिन सधी हुई बल्लेबाजी की है। जडेजा ने अपना शतक 160 गेंदों में पूरा किया है।
रिकॉर्ड
5,000 रन और 400 से अधिक विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय ऑलराउंडर बने जडेजा
अपनी इस शानदार पारी के दौरान जडेजा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 5,000 रन भी पूरे कर लिए हैं। इसके अलावा जडेजा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 468 विकेट भी ले चुके हैं। वह 5,000 या उससे अधिक रन बनाने और 400 या उससे अधिक विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय ऑलराउंडर बने हैं।
जडेजा से पहले कपिल देव ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 9,031 रन बनाने के अलावा 687 विकेट भी चटकाए हैं।
जडेजा और अश्विन
जडेजा और अश्विन के बीच हुई सातवें विकेट के लिए रिकॉर्ड साझेदारी
जडेजा ने दूसरे दिन के पहले सेशन में रविचंद्रन अश्विन के साथ मिलकर भारतीय पारी को आगे बढ़ाया। दोनों के बीच सातवें विकेट के लिए 174 गेंदों में 130 रनों की साझेदारी हुई। यह भारत के लिए श्रीलंका के खिलाफ सातवें विकेट के लिए सबसे बड़ी टेस्ट साझेदारी हो गई है।
अश्विन 82 गेंदों में 61 रन बनाने के बाद आउट हुए। 12वां टेस्ट अर्धशतक लगाने वाले अश्विन ने आठ चौके लगाए।
पहला शतक
2018 में जडेजा ने लगाया था पहला टेस्ट शतक
अपना 58वां टेस्ट खेल रहे जडेजा के लिए टेस्ट क्रिकेट में यह केवल दूसरा शतक है। उन्होंने अपना पहला टेस्ट शतक अक्टूबर 2018 में वेस्टइंडीज के खिलाफ राजकोट में लगाया था। उस मैच में भी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए जडेजा ने कमाल की बल्लेबाजी की थी।
जडेजा ने उस पारी में 132 गेंदों में नाबाद 100 रन बनाए थे। जडेजा ने इस शतक के लिए पांच चौके और पांच छक्के लगाए थे।
लेखा-जोखा
बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा भारत
पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। दूसरे दिन लंच तक भारत ने सात विकेट के नुकसान पर 468 रन बना लिए हैं। जडेजा 102 रन बनाकर नाबाद हैं तो वहीं जयंत यादव दो रन बनाकर उनका साथ दे रहे हैं।
श्रीलंका के लिए लाहिरु कुमारा चोटिल होकर मैच से बाहर हो गए हैं और अब श्रीलंकाई टीम के पास केवल चार विशेषज्ञ गेंदबाज ही बचे हैं।