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ICC ने क्रिकेटर्स को चेताया, लॉकडाउन का फायदा उठाने की फिराक में सट्टेबाज

ICC ने क्रिकेटर्स को चेताया, लॉकडाउन का फायदा उठाने की फिराक में सट्टेबाज

लेखन Neeraj Pandey
Apr 19, 2020
06:33 pm

क्या है खबर?

लॉकडाउन के अंतर्गत सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले क्रिकेटर्स को क्रिकेट के एंटी करप्शन चीफ ने सट्टेबाजों से सतर्क रहने को कहा है। कोरोना वायरस के कारण फिलहाल हर तरह के खेलों के आयोजन पर रोक लगा दिया गया है। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के एंटी करप्शन यूनिट के हेड एलेक्स मार्शल का कहना है कि लॉकडाउन के कारण कम कमाई करने वाले क्रिकेटर्स फिक्सिंग के एप्रोच में फंस सकते हैं।

बयान

अभी भी एक्टिव हैं सट्टेबाज- मार्शल

मार्शल ने द गार्डियन से कहा, "कोरोना वायरस ने भले ही इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट पर रोक लगा दी है, लेकिन सट्टेबाज अभी भी एक्टिव हैं। इसके परिणामस्वरूप मेंबर्स, प्लेयर्स, प्लेयर एसोसिएशन और एजेंट्स के साथ हमारा काम जारी रहेगा।"

बयान

सोशल मीडिया पर खिलाड़ियों को टार्गेट कर रहे हैं सट्टेबाज- मार्शल

मार्शल ने यह भी कहा कि सट्टेबाज सोशल मीडिया के सहारे खिलाड़ियों को फंसाने की कोशिश कर सकते हैं। उन्होंने कहा, "हम देख रहे हैं कि प्रसिद्ध सट्टेबाज इस समय का उपयोग करेंगे क्योंकि इस समय खिलाड़ी पहले की अपेक्षा में काफी ज़्यादा समय सोशल मीडिया पर बिता रहे हैं। वे अभी उनके साथ अच्छा रिश्ता बनाने की कोशिश करेंगे ताकि बाद में इसका इस्तेमाल किया जा सके।"

भरोसा

सही कदम उठाएंगे हमारे खिलाड़ी- जेम्स पीमोंट

इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड की अखंडता के प्रमुख जेम्स पीमोंट को भी लगता है कि सट्टेबाजों के लिए अपना टार्गेट खोजने का यह उचित समय हो सकता है। उन्होंने कहा, "हर बड़ी मुसीबत के समय में कुछ लोग होते हैं जो इसका फायदा उठाने की कोशिश करते हैं। हमें आत्मविश्वास में रहना होगा। हम यह प्रेशर झेल सकते हैं और हमें भरोसा है कि हमारे खिलाड़ी सही कदम उठाएंगे।"

फिक्सिंग

फिक्सिंग के मामले में फंस चुके हैं कई खिलाड़ी

हाल ही में पाकिस्तानी बल्लेबाज उमर अकमल को सट्टेबाजों द्वारा संपर्क किए जाने की जानकारी नहीं देने के लिए नोटिस दिया गया था। उनका मामला फिलहाल सुनवाई के दौर में है और उन पर छह महीने से लेकर आजीवन बैन होने की तलवार लटक रही है। अक्टूबर 2019 में बांग्लादेश के ऑलराउंडर शाकिब अल हसन को भी इसी मामले में दो साल के लिए बैन किया गया था जिसमें से एक साल की सजा निलंबित थी।