दुनिया के किसी भी मैदान पर छक्के लगाने की क्षमता रखता हूं- शिवम दुबे
वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे टी-20 में भले ही भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके लिए एक चीज काफी अच्छी रही। नंबर-3 पर प्रमोट किए गए ऑलराउंडर शिवम दुबे ने 30 गेंदों में 54 रनों की पारी खेलकर अपने धुंआधार अंदाज का नमूना पेश किया। मैच के बाद पत्रकारों से बात करते समय दुबे ने यह भी कहा कि वह दुनिया के किसी भी मैदान पर छक्के लगा सकते हैं।
मेरे पास है किसी भी मैदान को पार करने की क्षमता- दुबे
दुबे ने विंडीज के कप्तान पोलार्ड के एक ही ओवर में तीन छक्के लगाकर और कुल 26 रन बटोरे थे। उन्होंने मैच के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "मेरे ख्याल से यह ग्राउंड बड़ा है, लेकिन मेरे पास किसी भी ग्राउंड को क्लियर करने की क्षमता है। आपने भी उसमें से कुछ आज देखा होगा और मेरे पास यही क्षमता है।" बता दें कि 180 के स्ट्राइक रेट से खेली अपनी पारी में दुबे ने चार छक्के लगाए।
रोहित भाई की सलाह से मुझे मिली मदद- दुबे
अपनी पारी की शुरुआत के दौरान दुबे लगातार संघर्ष कर रहे थे और फिर रोहित शर्मा की सलाह के बाद उनका खेल बदल गया। दुबे ने इस बारे में कहा, "तीन नंबर पर बल्लेबाजी का मौका मिलना मेरे लिए शानदार था, लेकिन इंटरनेशनल मैच का प्रेशर भी था। रोहित भाई ने मुझे शांत रहकर अपनी मजबूती पर ध्यान देने को कहा जिसका मुझे फायदा मिला। इसके बाद मैंने एक छक्का लगाया और फिर अच्छा किया।"
पावर के साथ खेलना ही मेरी मजबूती- दुबे
दुबे टाइमिंग से ज्यादा पावर पर निर्भर रहते करते हैं। इस बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे हिसाब से वही मेरी ताकत है और मैं हमेशा इसी तरह खेलना वाला हूं।"
दुबे ने एकाएक बदले थे अपने गियर
दुबे को शुरुआत में काफी दिक्कत हो रही थी और वह गेंद और बल्लेे का संपर्क नहीं करा पा रहे थे। एक समय 14 गेंद में 12 रन बनाने वाले दुबे ने अगली 10 गेंदों में 35 रन ठोंक डाले। दुबे की इस तूफानी बल्लेबाजी की शुरुआत जेसन होल्डर की गेंद पर छक्का लगाने के साथ हुई और फिर उन्होंने पोलार्ड को एक ओवर में तीन छक्के लगाए। दुबे ने शॉर्ट-पिच गेंदों को आसानी के साथ बाउंड्री के पार पहुंचाया।
एक ओवर में पांच छक्के लगा चुके हैं दुबे
शिवम दुबे एक ओवर में पांच छक्के भी लगा चुके हैं। दरअसल टी-20 मुंबई लीग में खेलते हुए दुबे ने प्रवीण तांबे के एक ही ओवर में लगातार पांच छक्के लगाए थे। आखिरी गेंद को वह बाउंड्री के पार नहीं पहुंचा सके थे।