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दो साल से टेस्ट नहीं खेलने के बावजूद धवन ने नहीं छोड़ी है वापसी की उम्मीद

दो साल से टेस्ट नहीं खेलने के बावजूद धवन ने नहीं छोड़ी है वापसी की उम्मीद

लेखन Neeraj Pandey
Sep 07, 2020
12:29 pm

क्या है खबर?

भले ही शिखर धवन ने दो साल से टेस्ट मैच नहीं खेला है, लेकिन उन्होंने टीम में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी हैं। वनडे और टी-20 में भारतीय टीम के साथ लगातार बने हुए धवन ने सितंबर 2018 में इंग्लैंड दौरे पर अपना आखिरी टेस्ट खेला था। 34 साल के धवन को उम्मीद है कि यदि वह लगातार अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे तो उन्हें टेस्ट टीम में वापसी का भी मौका मिलेगा।

बयान

टेस्ट टीम में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है- धवन

टीवी चैनल्स के साथ बातचीत के दौरान बीते रविवार को धवन ने कहा था कि भले ही वह टेस्ट टीम का हिस्सा नहीं हैं, लेकिन उन्होंने टीम में वापसी की उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने आगे कहा, "जब भी मुझे मौका मिला है जैसे कि पिछले साल मैंने रणजी ट्रॉफी खेलते हुए शतक लगाया और फिर वनडे टीम में मेरी वापसी हुई। यदि मुझे मौका मिलेगा तो क्यों नहीं मैं उसे भुनाउंगा।"

इंग्लैंड दौरा

2018 इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह फेल रहे थे धवन

2018 में धवन का टेस्ट में प्रदर्शन बेहद खराब रहा था और 11 पारियों में वह केवल 301 रन बना सके थे। धवन ने अफगानिस्तान के खिलाफ बेंगलुरु में 107 रनों की पारी खेली, लेकिन इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह नाकाम रहे थे। इंग्लैंड में खेली आठ पारियों में धवन 162 रन बना सके थे और उनका सर्वोच्च स्कोर 44 का रहा था। जनवरी 2018 में दक्षिण अफ्रीका में भी धवन एक मैच में 32 रन ही बना सके थे।

विदेश में प्रदर्शन

विदेश में बुरी तरह फेल रहे हैं धवन

धवन का प्रदर्शन ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका में निराशाजनक रहा है और खास करके इंग्लैंड में वह ज्यादा फेल हुए हैं। इंग्लैंड में खेले सात टेस्ट की 14 पारियों में धवन 20.29 की औसत के साथ 284 रन बना सके हैं जिसमें 44 उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है। ऑस्ट्रेलिया में खेले तीन टेस्ट में उन्होंने 167 तो वहीं दक्षिण अफ्रीका में खेले तीन टेस्ट में 108 रन बनाए हैं।

उम्मीद

अब मुश्किल है धवन की टेस्ट टीम में वापसी

इस साल दिसंबर में 35 साल के होने जा रहे धवन के लिए अब टेस्ट टीम में वापसी करना बेहद मुश्किल होगा। मयंक अग्रवाल, रोहित शर्मा, केएल राहुल और पृथ्वी शॉ के रूप में टीम के पास ओपनर्स की दो जोड़ी है। इन चारों बल्लेबाजों ने भारत और भारत से बाहर खुद को मिले हर मौके का भरपूर फायदा उठाया है। खास तौर से भारतीय मैनेजमेंट शॉ और मयंक को भविष्य के लिए तैयार कर रही है।