पीआर श्रीजेश की 16 नंबर जर्सी को किया गया रिटायर, जूनियर टीम के कोच बनाए गए
हाल ही में सपन्न हुए पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने कांस्य पदक जीता था। भारत की इस सफलता में गोलकीपर पीआर श्रीजेश की अहम भूमिका रही थी। उन्होंने इन ओलंपिक खेलों के बाद हॉकी से संन्यास ले लिया था। अब हॉकी इंडिया ने पूर्व भारतीय दिग्गज गोलकीपर के सम्मान में उनकी जर्सी नंबर-16 को रिटायर कर दिया है। इसके साथ-साथ उन्हें जूनियर टीम का नया कोच नियुक्त किया है। आइए इस खबर पर नजर डालते हैं।
श्रीजेश के सम्मान पर क्या बोले महासचिव भोला सिंह?
हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह ने कहा, "पीआर श्रीजेश का संन्यास भारतीय हॉकी के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। लगभग 2 दशकों से श्रीजेश हमारी राष्ट्रीय टीम की आधारशिला रहे हैं। भारतीय हॉकी में उनका योगदान बहुत बड़ा है। श्रीजेश ने गोलकीपर होने का क्या मतलब है, इसके लिए एक बेंचमार्क स्थापित किया है।" भोला ने स्पष्ट किया कि जूनियर स्तर पर हॉकी नंबर-16 देखने को मिल सकती है। इसे सिर्फ सीनियर स्तर पर रिटायर किया है।
कोच क्रेग फुल्टन ने भी श्रीजेश की सराहना की
भारतीय टीम के मुख्य कोच क्रेग फुल्टन ने भी श्रीजेश की सराहना की। फुल्टन ने इस अवसर पर कहा, "श्रीजेश हमेशा अपनी बात खुलकर कहते हैं। उनके बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि आपको पता चल जाएगा कि वह कब खुश हैं और कब नहीं। वह एक बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं और उन्होंने खुद पर बहुत मेहनत की है। हम निश्चित रूप से श्रीजेश से प्यार करते हैं।"
अपनी कोचिंग की योजनाओं को लेकर उत्सुक दिखे थे श्रीजेश
हाल ही में श्रीजेश ने कहा था कि वह राहुल द्रविड़ की तरह ही निचले स्तर से कोचिंग करियर शुरू करना चाहता हूं। उन्होंने PTI से कहा था, "मैं कोचिंग की शुरुआत जूनियर स्तर से करना चाहता हूं। जैसे राहुल द्रविड़ ने की थी। ऐसे में आपके पास खिलाड़ियों को निचले स्तर से ही निखारने का मौका होगा। जब ये खिलाड़ी सीनियर टीम में आएंगे तो वह आपको उनके बारे में पता होगा
2 ओलंपिक पदक जीत चुके हैं श्रीजेश
2012 में श्रीजेश ने पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया था। उस संस्करण में भारत 12वें स्थान पर रहा था। रियो में खेले गए 2016 ओलंपिक में भारतीय टीम क्वार्टर फाइनल तक पहुंची थी। श्रीजेश ने उस टीम का नेतृत्व किया था। इसके बाद 2021 में खेले गए टोक्यो ओलंपिक में भारत ने 41 साल कांस्य पदक जीता था, जिसमें श्रीजेश की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्होंने 2024 में अपना दूसरा ओलंपिक पदक जीत के साथ करियर समाप्त किया।