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भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी आईएम विजयन को मिलेगा पद्मश्री, जानिए उनका सफर और करियर 
आईएम विजयन को मिलेगा पद्मश्री

भारत के पूर्व दिग्गज फुटबॉल खिलाड़ी आईएम विजयन को मिलेगा पद्मश्री, जानिए उनका सफर और करियर 

Jan 30, 2025
10:32 am

क्या है खबर?

भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी रहे आईएम विजयन को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। इस खिलाड़ी को फुटबॉल के खेल में दिए गए उनके योगदान के लिए देश के इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया है। वह भारत के लिए लगभग 11 साल तक फुटबॉल खेले थे। उन्होंने अपना आखिरी क्लब मुकाबला साल 2006 में खेला था। ऐसे में आइए उनके सफर और करियर पर एक नजर डाल लेते हैं।

सफर

मैच देखने के लिए सोडा बेचते थे विजयन 

विजयन का जन्म 25 अप्रैल, 1969 को केरल के त्रिसुर में हुआ था। इनका पूरा नाम इंवलप्पिल मनी विजयन है। यह दिग्गज खिलाड़ी बेहद गरीब परिवार से आता था। उनके पास मैच देखने के पैसे नहीं होते थे। ऐसे में वह सोडा बेचकर पैसा कमाते थे। कुछ पैसे मां को देने के बाद वह टिकट खरीदकर मैच देखने जाते थे। इस खिलाड़ी को साल 1987 में पहली बार केरल पुलिस के लिए फुटबॉल खेलने का मौका मिला था।

मौका

1991 में भारत के सबसे बड़े फुटबॉल क्लब के लिए खेले 

विजयन 4 साल तक केरल पुलिस के लिए खेले और 33 गोल दागे। इसके बाद उन्हें मोहन बागान के लिए खेलने का मौका मिला। 1991-92 सीजन में उन्होंने 27 गोल मारे। इसके बाद यह स्ट्राइकर दोबारा केरल पुलिस के लिए खेलने लगा और 1992-93 सीजन में 30 गोल किए। विजयन की इसके बाद 2 बार मोहन बगान की टीम में वापसी हुई। 1993-94 में उन्होंने 18 और 1998-99 में भारत के सबसे पुराने क्लब के लिए 15 गोल दागे।

खिलाड़ी

ईस्ट बंगाल के लिए भी खेले थे विजयन 

विजयन ईस्ट बंगाल क्लब के लिए भी खेले। इसी टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने संन्यास लिया था। उन्होंने अपने क्लब करियर में 284 मुकाबले खेले और 142 गोल किए। इस खिलाड़ी को थाईलैंड और मलेशिया से खेलने के लिए कई ऑफर आए थे, लेकिन वह अपने देश के क्लब के लिए ही खेलते रहे। साल 1993, 1997 और 1999 में उन्हें भारत का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी पुरस्कार भी मिला था।

भारत

भारत के लिए विजयन के आंकड़े 

विजयन साल 2000 से 2004 तक भारतीय टीम के कप्तान रहे। उन्होंने अपना पहला मैच 1992 में खेला था। साल 1999 में भूटान फुटबॉल टीम के खिलाफ इस खिलाड़ी ने सिर्फ 12 सेकेंड में गोल दाग दिया था। यह उस समय अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में दूसरा और भारत के लिए सबसे तेज गोल था। यह रिकॉर्ड आज तक कोई भारतीय खिलाड़ी नहीं तोड़ पाया है। भारत के लिए विजयन ने 72 मुकाबले खेले थे और 30 गोल करने में सफल रहे।