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पूर्व CoA चेयरमैन का खुलासा, द्रविड़ ने ठुकराया था भारतीय टीम का कोच बनने का ऑफर

पूर्व CoA चेयरमैन का खुलासा, द्रविड़ ने ठुकराया था भारतीय टीम का कोच बनने का ऑफर

लेखन Neeraj Pandey
Jul 06, 2020
05:34 pm

क्या है खबर?

पूर्व भारतीय महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने प्लेइंग करियर खत्म होने के बाद कोच के रूप में भी भारतीय क्रिकेट की सेवा की है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के साथ कोचिंग शुरु करने वाले द्रविड़ इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों के कोच भी रह चुके हैं। हालांकि, कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (CoA) के पूर्व चेयरमैन विनोद राय का कहना है कि द्रविड़ ने भारतीय टीम का कोच बनने के ऑफर को ठुकरा दिया था।

खुलासा

परिवार के साथ समय बिताने के कारण द्रविड़ ने ठुकराया था ऑफर- राय

राय ने स्पोर्ट्सकीड़ा को बताया कि राहुल ने उनके साथ खुलकर बातचीत की थी। उन्होंने आगे कहा, "राहुल ने कहा कि उनके दोनों बच्चे बड़े हो रहे हैं और भारतीय टीम के साथ रहने के कारण वह उन्हें समय नहीं दे पाए। वह अपने घर पर रहना और अपने परिवार को समय देना चाहते थे।" राय ने कहा कि द्रविड़ ने काफी साफ बात कही थी और वह उनसे सहमत थे।

द्रविड़ का लक्ष्य

अंडर-19 टीम के साथ जुड़े रहना चाहते थे द्रविड़- राय

द्रविड़ ने केवल परिवार के कारण ही नहीं बल्कि अंडर-19 टीम के साथ जुड़े रहने के कारण भी भारतीय टीम का कोच बनने स्वीकार नहीं किया था। राय ने बताया, "द्रविड़ अंडर-19 टीम के साथ थे और वह उनके साथ घुल गए थे। उन्होंने खांका तैयार कर लिया था कि कैसे एक टीम तैयार करनी है। वह शानदार परिणाम भी हासिल कर रहे थे। वह इसे जारी रखना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि अभी उनका काम अधूरा है।"

अंडर-19 विश्वकप

द्रविड़ के मार्गदर्शन में अंडर-19 विश्वकप जीता था भारत

द्रविड़ के हेडकोच रहते हुए 2016 में भारतीय टीम अंडर-19 विश्वकप का फाइनल हारी थी, लेकिन द्रविड़ के मार्गदर्शन में 2018 में टीम अंडर-19 विश्वकप चैंपियन बनी थी। 2016 वाली टीम का हिस्सा रहने वाले ऋषभ पंत लिमिटेड ओवर्स में आज भारतीय टीम में विकेटकीपर के तौर पर पहली पसंद हैं। 2018 वाली टीम से पृथ्वी शॉ तीनों फॉर्मेट में भारत के लिए खेल चुके हैं तो वहीं शुभमन गिल भी इंटरनेशनल डेब्यू कर चुके हैं।

रवि शास्त्री

कोचिंग में कुंबले, द्रविड़ और शास्त्री बराबर हैं- राय

2017 चैंपियन्स ट्रॉफी की हार के बाद विराट कोहली और अनिल कुंबले में अनबन के कारण कुंबले को हेडकोच का पद छोड़ना पड़ा था। द्रविड़ के भी मना कर देने के बाद रवि शास्त्री को टीम का कोच बनाया गया था। राय ने कहा, "यदि कोचिंग करने की क्षमता के हिसाब से देखें तो कुंबले, द्रविड़ और शास्त्री तीनों ही बराबर हैं और शास्त्री का चुना जाना भी सबके लिए जीत थी।"