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टी-20 विश्व कप: पहली बार होगा DRS का इस्तेमाल, डकवर्थ-लुईस के लिए रखी गई ये शर्त
टी-20 विश्व कप

टी-20 विश्व कप: पहली बार होगा DRS का इस्तेमाल, डकवर्थ-लुईस के लिए रखी गई ये शर्त

लेखन Neeraj Pandey
Oct 10, 2021
07:30 pm

क्या है खबर?

टी-20 विश्व कप की शुरुआत होने में एक हफ्ते का समय बचा है और टूर्नामेंट से जुड़े कुछ अहम नियम सामने आ गए हैं। इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) ने प्लेइंग कंडीशन के बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि डिसीजन रीव्यू सिस्टम (DRS) का इस्तेमाल किया जाएगा। बारिश से प्रभावित मैचों में डकवर्थ-लुईस के इस्तेमाल के लिए न्यूनतम ओवरों में भी बढ़ोत्तरी की गई है। आइए जानते हैं ICC ने क्या-क्या घोषणा की है।

पुरुष टी-20 विश्व कप

पहली बार पुरुष टी-20 विश्व कप में होगा DRS का इस्तेमाल

2016 में खेले गए टी-20 विश्व कप में DRS का इस्तेमाल नहीं किया गया था क्योंकि उस समय टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में DRS नहीं लाया गया था। गौरतलब है कि 2018 में खेला गया महिला टी-20 विश्व DRS का इस्तेमाल करने वाला पहला ICC टूर्नामेंट था। महिला टी-20 विश्व कप में टीमों को एक रीव्यू मिला था, लेकिन पुरुष टी-20 विश्व कप में एक पारी में टीमों के पास दो-दो रीव्यू होंगे।

DRS

DRS की मदद से निर्णय लेने में होती है आसानी

DRS के मदद से अंपायर्स को निर्णय लेने में आसानी होती है। जब किसी खिलाड़ी को लगता है कि मैदानी अंपायर द्वारा लिया गया निर्णय गलत है तब वे DRS लेकर फैसले को तीसरे अंपायर के पास भेजने का निवेदन करते हैं। आम तौर पर पगबाधा आउट के निर्णय के लिए ही DRS का इस्तेमाल किया जाता है क्योंकि ऐसे निर्णय के लिए मैदानी अंपायर्स के पास बेहद कम समय होता है।

क्या आप जानते हैं?

2008 में शुुरु हुआ था DRS

DRS पहली बार 2008 में अस्तित्व में आया था। इसके ग्लोबल होने से पहले भारत समेत कई देश इसका उपयोग करने से बच रहे थे। 2011 में यह पहली बार किसी ICC टूर्नामेंट में इस्तेमाल किया गया था। नॉकआउट स्टेज में इसका उपयोग हुआ था।

न्यूनतम ओवर

बारिश से प्रभावित या देरी से शुरु होने वाले मैचों में बढ़ाए गए न्यूनतम ओवर्स

बारिश से प्रभावित होने या अन्य कारणों से देरी से शुरु होने वाले मैचों में न्यूनतम ओवर के बारे में भी ICC ने बड़ा निर्णय लिया है। टी-20 विश्व कप के ग्रुप स्टेज में डकवर्थ-लुईस द्वारा मैच का परिणाम निकालने के लिए टीमों को कम से कम पांच ओवर बल्लेबाजी करनी होगी। हालांकि, सेमीफाइनल और फाइनल में इसके उपयोग के लिए टीमों को कम से कम 10 ओवर बल्लेबाजी करनी होगी।