टोक्यो पैरालंपिक: देवेंद्र झाझरिया ने जीता रजत पदक, सुंदर सिंह को मिला कांस्य
क्या है खबर?
भारत के दिग्गज पैरा जैवलिन थ्रोवर देवेंद्र झाझरिया ने टोक्यो में चल रहे पैरालंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन किया है। देवेंद्र ने रजत पदक पर कब्जा जमाते हुए अपने करियर का तीसरा पैरालंपिक पदक हासिल किया है। इससे पहले उन्होंने दो बार स्वर्ण पदक पर अपना कब्जा जमाया था।
सोमवार की शुरुआत भारत के लिए शानदार रही और अवनि लेखारा ने निशानेबाजी में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
प्रदर्शन
झाझरिया ने किया अपना व्यक्तिगत बेस्ट प्रदर्शन
झाझरिया को इस बार पदक जीतने के लिए काफी कठिन मेहनत करनी पड़ी और अपना व्यक्तिगत बेस्ट प्रदर्शन करने के बावजूद वह रजत तक ही पहुंच सके। झाझरिया ने 64.35 मीटर की दूरी तय करके यह पदक हासिल किया है।
श्रीलंका के दिनेश प्रियन हेराथ ने 67.79 मीटर की दूरी हासिल करके एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम कर दिया और आराम के साथ स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
झाझरिया का प्रदर्शन
लगातार विश्व रिकॉर्ड बनाते आ रहे थे झाझरिया
2004 में अपने पहले ही पैरालंपिक में झाझरिया ने 62.15 मीटर की दूरी तय करके स्वर्ण पदक जीता था और पुराने 59.77 मीटर के रिकॉर्ड को तोड़ा था। इसके बाद उन्होंने 2016 रियो पैरालंपिक में उन्होंने 63.97 मीटर की दूरी तय करके एक और रिकॉर्ड बनाया और अपना दूसरा स्वर्ण जीता।
2020 पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करते हुए उन्होंने 65.71 मीटर की थ्रो की थी और अपने विश्व रिकॉर्ड को और मजबूत कर लिया था।
सुंदर सिंह गुर्जर
गुर्जर ने जीता कांस्य
25 साल के सुंदर सिंह गुर्जर ने 64.01 मीटर की थ्रो के साथ तीसरा स्थान हासिल किया और कांस्य पदक पर अपना कब्जा जमाया। 2017 और 2019 में हुए वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप में गुर्जर स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।
2015 में गुर्जर ने अपना बांया हाथ खो दिया था। वह अपने दोस्त के घर पर गए हुए थे और इसी दौरान दुर्घटना में उनका बांया हाथ चला गया था।
अन्य खिलाड़ी
लेखारा ने जीता निशानेबाजी में स्वर्ण
अवनि लेखारा ने सोमवार को महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल स्टैंडिंग SH1 स्पर्धा में निशानेबाजी में 249.6 के कुल स्कोर के साथ विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करते हुए स्वर्ण पर निशाना साधा है। 19 वर्षीय लेखारा पैरालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारत की पहली महिला बनी हैं।
भारत के योगेश कथुनिया ने पुरुषों की डिस्कस थ्रो (F56) स्पर्धा में 44.38 मीटर का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास दर्ज करके रजत पदक जीता। उनका छठा प्रयास निर्णायक साबित हुआ।