शतरंज विश्व कप, 2023: फाइनल में हारे प्रागननंदा, कार्लसन बने चैंपियन
भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी आर प्रागननंदा को FIDE विश्व कप फाइनल में दुनिया के नंबर 1 ग्रैंडमास्टर मैग्नस कार्लसन ने हरा दिया है। अजरबैजान के बाकू में खेले गए फाइनल मैच में टाईब्रेक के जरिए नॉर्वे के दिग्गज ने युवा भारतीय ग्रैंड मास्टर को शिकस्त दी है। इसके साथ ही प्रागननंदा पूर्व दिग्गज विश्वनाथन आनंद के बाद यह खिताब जीतने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय बनने से चूक गए हैं। आइए इस खबर पर नजर डालते हैं।
पहले राउंड से पांचवें राउंड तक प्रागननंदा का प्रदर्शन
पहले राउंड में प्रागननंदा को बाई दे दी गई थी। दूसरे राउंड में भारतीय ग्रैंडमास्टर ने फ्रांस के मैक्सिम लेगार्ड के खिलाफ 1.5-0.5 से जीत हासिल की। तीसरे राउंड में उन्होंने अनुभवी चेक खिलाड़ी डेविड नवारा को 1.5-0.5 से हराया। इसके बाद प्रागननंदा ने टाईब्रेक में दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी हिकारू नाकामुरा को हराकर बाहर कर दिया। उन्होंने 3-1 के स्कोर से वो मैच जीता था। पांचवें राउंड में हंगेरियन फेरेन्क बर्केस उनका अगला शिकार बने।
सेमीफाइनल में प्रागननंदा ने कारूआना को दी मात
इसके बाद अर्जुन एरिगैसी को हराकर प्रगनानंदा विश्व कप के सेमीफाइनल में पहुंच गए। सेमीफाइनल में उन्होंने ग्रैंडमास्टर फैबियानो कारूआना को 3.5-2.5 से हराकर फाइनल का टिकट हासिल किया था।
ऐसा रहा कार्लसन का सफर
राउंड-1: बाई राउंड-2: लेवान पैंटसुलिया को 2-0 से हराया राउंड-3: आर्यन तारि को 1.5-0.5 से हराया राउंड-4: विंसेंट कीमार को 3.5-2.5 से हराया (टाई-ब्रेक) राउंड-5: वासिल इवानचुक को 2-0 से हराया राउंड-6: डी. गुकेश को 1.5-0.5 से हराया राउंड-7: निजात अबासोव को 1.5-0.5 से हराया राउंड-8: आर प्रगनानंद को हराया (टाई-ब्रेक)
कार्लसन ने प्रागननंदा के खिलाफ जीता नौवां मुकाबला
फरवरी 2022 में प्रागननंदा तत्कालीन विश्व चैंपियन कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने थे। दोनों की मुलाकात एयरथिंग्स मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में एक रैपिड गेम में हुई थी। इस साल की शुरुआत में प्रागननंदा ने चेसेबल मास्टर्स रैपिड शतरंज टूर्नामेंट में कार्लसन को फिर चौंका दिया था। कुल मिलाकर दोनों 20 बार आमने-सामने हुए हैं, जिसमें नॉर्वे के दिग्गज ने 9 जीते हैं और 5 हारे हैं। इसके अलावा 6 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं।
कौन हैं ग्रैंडमास्टर प्रागननंदा?
प्रागननंदा का जन्म 10 अगस्त, 2005 को चेन्नई में हुआ है। उनके पिता रमेशबाबू तमिलनाडु स्टेट कॉर्पोरेशन बैंक में शाखा प्रबंधक के रूप में काम करते हैं जबकि उनकी मां नागलक्ष्मी गृहिणी हैं। दिलचस्प बात यह है कि प्रागननंदा की बड़ी बहन वैशाली भी शतरंज खेलती हैं। बता दें वैशाली अगस्त 2021 में भारत की 10वीं इंटरनेशनल महिला मास्टर बनी थी। प्रागननंदा और वैशाली दोनों के कोच आरबी रमेश हैं।
ये उपलब्धि हासिल कर चुके हैं प्रागननंदा
साल 2016 में प्रागननंदा सबसे युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे। उन्होंने ये उपलब्धि 10 साल की उम्र में हासिल कर ली थी। प्रगनानंद ने साल 2013 में विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप अंडर-8 का खिताब जीता था। इसके बाद उन्होंने 2015 में अंडर-10 चैंपियनशिप का खिताब भी जीता। प्रागननंदा 21 साल बाद शतरंज के विश्व कप फाइनल में पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। बता दें कि विश्वानथन ने साल 2000 और 2002 में विश्व कप का खिताब जीता था।