एक और 'भारतीय बोल्ट' का वीडियो वायरल, ट्रायल के लिए बुलाएंगे खेलमंत्री
भारत को टैलेंट की खान माना जाता है, लेकिन कई ऐसे टैलेंट हैं जिन्हें अच्छा प्लेटफॉर्म नहीं मिल पाता है। हालांकि, पिछले कुछ समयों में सोशल मीडिया ने कई लोगों के टैलेंट को सामने लाने का काम किया है। ऐसे ही कर्नाटक के 28 वर्षीय श्रीनिवास गोउड़ा को भी सोशल मीडिया ने खेलमंत्री तक पहुंचा दिया है। गोउड़ा ने बैलों की रेस में अपनी गति से सभी को प्रभावित किया है।
श्रीनिवास ने अपनी गति से सबको चौंकाया
बैलों को रेस में दौड़ाने का काम करने वाले श्रीनिवास ने 142 मीटर की दूरी 13.42 सेकेंड में तय कर ली। इस गति के साथ ही उन्होंने कर्नाटक के इस ट्रेडिशनल रेस में नया रिकॉर्ड बना लिया है। सोशल मीडिया पर लोग लगातार श्रीनिवास की महान जमैकन धावक उसैन बोल्ट से तुलना कर रहे हैं। लोग ऐसे आंकड़े पेश कर रहे हैं जिसके मुताबिक श्रीनिवास ने बोल्ट के रिकॉर्ड (9.58 सेकेंड) को 9.55 सेकेंड के साथ तोड़ दिया है।
खेलमंत्री ने श्रीनिवास को SAI बुलाने का दिया आश्वासन
खेलमंत्री किरन रिजिजू ने सोशल मीडिया पर लगातार चल रही श्रीनिवास की चर्चा पर गौर फरमाया है और उन्हें जल्द SAI के कोचों के पास बुलाने का आश्वासन दिया है। रिजिजू ने ANI से कहा, "मैं श्रीनिवास को SAI के टॉप कोचों के सामने ट्रायल के लिए बुलाउंगा। मैं विश्वास दिलाता हूं कि भारत में कोई भी टैलेंट प्लेटफॉर्म से वंचित नहीं रहेगा।" इससे पहले रिजिजू ने मध्य प्रदेश के एक व्यक्ति को ऐसे ही बुलाया था।
पहले 11 सेकेंड में 100 मीटर दौड़ने का वीडियो हुआ था वायरल
पिछले साल अगस्त में मध्य प्रदेश के एक युवक का वीडियो वायरल हुआ था। बताया गया था कि रामेश्वर सिंह नामक युवक ने 100 मीटर की रेस 11 सेकेंड में पूरी की है। इसके बाद रामेश्वर के इस वीडियो को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्विटर पर शेयर करते हुए किरण रिजिजू से सहायता मांगी थी। रामेश्वर को SAI सेंटर में ट्रायल के लिए बुलाया भी गया था।
ट्रॉयल में फिसड्डी साबित हुए थे रामेश्वर
वीडियो वायरल होने के बाद रामेश्वर को ट्रॉयल के लिए बुलाया गया, लेकिन छह धावकों के बीच वह फिसड्डी साबित हुए। रामेश्वर ने ट्रायल के दौरान 12.90 सेकेंड का समय लिया और कहा कि पहली बार ट्रैक पर जूता पहनकर दौड़ने के कारण उन्हें ज़्यादा समय लग गया। रिजिजू ने ट्रायल का वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा था कि ज़्यादा लोगों के मौजूद होने के दबाव के चलते रामेश्वर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके।