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बॉक्सिंग डे टेस्ट: नितीश रेड्डी को शतक बनाता देख रो पड़े रवि शास्त्री, जानिए क्या कहा 
रवि शास्त्री बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के दौरान कॉमेंट्री कर रहे हैं (तस्वीर: एक्स/@BCCI)

बॉक्सिंग डे टेस्ट: नितीश रेड्डी को शतक बनाता देख रो पड़े रवि शास्त्री, जानिए क्या कहा 

Dec 28, 2024
06:18 pm

क्या है खबर?

भारतीय क्रिकेट टीम के युवा ऑलराउंडर खिलाड़ी नितीश रेड्डी ने शनिवार (28 दिसंबर) को ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के खिलाफ मेलबर्न में जारी बॉक्सिंग-डे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शानदार शतकीय पारी (105*) खेली। यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक रहा। इस खास मौके पर कॉमेंट्री कर रहे पूर्व भारतीय दिग्गज खिलाड़ी और कोच रवि शास्त्री काफी भावुक हो गए और उनकी आंखों से आंसू छलक आए। इसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

जानकारी

शास्त्री ने क्या कहा?

शास्त्री ने कॉमेंट्री के दौरान कहा, "ये आंखों में आंसू वाला शतक है, सिर्फ पिताजी का नहीं मेरा ख्याल है पूरे दर्शक जो यहां पर हैं, सभी के आंखों में आंसू होंगे।" बता दें, नितीश ने भारतीय टीम को बड़ी मुश्किल परिस्थिति से निकाला है।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखें शास्त्री की वायरल तस्वीर 

पिता

रेड्डी के पिता भी रोने लगे 

उनके पिता मुत्याला रेड्डी भी मैदान पर मौजूद थे। बेटे का पहला शतक बनता देखकर वह भी भावुक हो गए और रोने लगे थे। पिता ने एडम गिलक्रिस्ट से लड़खड़ाती हुई आवाज में कहा, "उसका यह शतक हमारे परिवार के लिए बहुत खास है और हम इस दिन को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते हैं। बहुत, बहुत टेंशन हो रही थी सर। सिर्फ 1 विकेट बचा था और मोहम्मद सिराज स्ट्राइक पर था। शुक्र है सिराज बच गया।"

पारी

कैसी रही रेड्डी की पारी?

नंबर-8 पर बल्लेबाजी करने आए नितीश ने वाशिंगटन सुंदर के साथ 285 गेंदों में 127 रन की साझेदारी निभाई और 9 विकेट गिरने के बाद शतक पूरा किया। वह ऑस्ट्रेलिया में नंबर-8 पर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने हैं। उनके शतक की बदौलत भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के 474 रन के जवाब में दिन का खेल खत्म होने तक 358/9 का स्कोर बना लिया है। नितीश के साथ सिराज 2 रन बनाकर क्रीज पर जमे हुए हैं।

जानकारी

नितीश ने सचिन तेंदुलकर के इस बड़े रिकॉर्ड की कर ली बराबरी 

नितीश के अलावा 22 साल या उससे कम आयु में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर टेस्ट मैचों में शतक बनाने के साथ-साथ कम से कम 1 विकेट लेने वाले अन्य एकमात्र भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हैं। उन्होंने 1991-92 की सीरीज में यह कारनामा किया था।