बॉक्सिंग-डे टेस्ट: नितीश रेड्डी ने जड़ा अपना पहला टेस्ट शतक, बनाए ये बड़े रिकॉर्ड्स
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच मेलबर्न में खेले जा रहे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 के चौथे टेस्ट में युवा सनसनी नितीश रेड्डी ने शानदार शतकीय पारी खेली है। यह उनके टेस्ट करियर का पहला शतक है। उन्होंने इस सीरीज में अपना टेस्ट डेब्यू किया था। एक समय भारतीय टीम पर फॉलोऑन का खतरा मंडरा रहा था, लेकिन रेड्डी ने अपनी साहसिक पारी से ऐसा नहीं होने दिया। आइए उनकी पारी और आंकड़ों पर नजर डालते हैं।
कैसी रही रेड्डी की पारी?
भारतीय क्रिकेट टीम को पहली पारी में शुरुआती झटके लगे थे। यशस्वी जायसवाल (82) को छोड़ दें तो टीम का पूरा शीर्षक्रम फ्लॉप साबित हुआ। ऐसे में नंबर-8 पर बल्लेबाजी करने आए रेड्डी ने वाशिंगटन सुंदर के साथ 285 गेंदों में 127 रन की साझेदारी निभाई। उन्होंने 171 गेंदों का सामना करते हुए अपना पहला शतक पूरा किया। ऑस्ट्रेलिया की सरजमीं पर टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए रेड्डी नंबर-8 पर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने हैं।
मेलबर्न में शतक जड़ने वाले तीसरे सबसे युवा
रेड्डी मेलबर्न क्रिकेट मैदान पर टेस्ट शतक जड़ने वाले दुनिया के तीसरे सबसे युवा बल्लेबाज बने हैं। उन्होंने 21 साल 214 दिन की उम्र में यह कारनामा किया है। इंग्लैंड के जॉन हर्ने पहले पायदान पर हैं, जिन्होंने 1911 में 20 साल 222 दिन में शतक जड़ा था। इसी तरह पाकिस्तान क्रिकेट टीम के एजाज अहमद दूसरे नंबर पर हैं, जिन्होंने साल 1990 में 21 साल 114 दिन की उम्र में मेलबर्न के मैदान पर शतक जड़ा था।
ये बड़ा रिकॉर्ड भी किया नितीश ने अपने नाम
नितीश भारत की तरफ से नंबर 8 या उससे निचले क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए ऑस्ट्रेलिया में शतक जमाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। उनसे पहले सबसे बड़ी पारी अनिल कुंबले के नाम दर्ज थी, जिन्होंने 2008 में एडिलेड में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 87 रन बनाए थे। इस मामले में जडेजा तीसरे पायदान पर हैं, जिन्होंने साल 2019 में सिडनी में 8वें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए 81 रनों की पारी खेली थी।
ये बड़े रिकॉर्ड्स नितीश ने किए अपने नाम
रेड्डी के अलावा 22 साल या उससे कम आयु में ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में शतक बनाने के साथ-साथ कम से कम 1 विकेट लेने वाले अन्य एकमात्र भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर हैं। उन्होंने 1991-92 की सीरीज में यह कारनामा किया था। रेड्डी ऑस्ट्रेलिया की धरती पर शतक जड़ने वाले चौथे सबसे युवा भारतीय भी बने हैं। उनसे आगे सिर्फ पंत (21 साल 91 दिन), तेंदलुकर (18 साल 283 दिन और 18 साल 253 दिन) हैं।
इस सीरीज में बल्ले से कमाल कर रहे हैं रेड्डी
इस मुकाबले से पहले रेड्डी को अच्छी शुरुआत मिल रही थी, लेकिन उसे वह बड़े स्कोर में नहीं बदल पा रहे थे। पर्थ में उन्होंने 38* और 41 रन बनाए थे। इसके बाद एडिलेड टेस्ट में भी इस खिलाड़ी को अच्छी शुरुआत मिली थी। दोनों पारियों में उन्होंने 42 और 42 के स्कोर बनाए थे। ब्रिस्बेन टेस्ट में उनके बल्ले से 16 रन निकले थे। यशस्वी के बाद रेड्डी इस सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय बल्लेबाज हैं।
कैसा रहा है रेड्डी का टेस्ट और प्रथम श्रेणी करियर?
रेड्डी ने भारतीय टीम के लिए 4 टेस्ट खेले हैं। इसकी 6 पारियों में 71 की औसत से 284 रन बनाने में सफल रहे हैं। उनके बल्ले से 1 शतक निकला है। गेंदबाजी में उन्होंने 3 विकेट भी लिए हैं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उन्होंने 26 मुकाबले खेले हैं। इसकी 44 पारियों में 3 बार नाबाद रहते हुए 1,000 से ज्यादा रन बनाए हैं। उनके बल्ले से 2 शतक और 2 अर्धशतक निकले हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 159 रन है।
रेड्डी के सफर पर एक नजर
रेड्डी का जन्म आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में हुआ था। वह एक साधारण पृष्ठभूमि से आते हैं। उनके पिता ने उनके करियर के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी थी। उनके पिता पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने इस खिलाड़ी पर विश्वास किया था कि वह एक अच्छे क्रिकेटर बन सकते हैं। रेड्डी ने अपना पहला प्रथम श्रेणी क्रिकेट मुकाबला साल 2020 में खेला था। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में सनराइजर्स हैदराबाद (SRH) के लिए खेलते हुए इस खिलाड़ी को पहचान मिली।