भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया: केएल राहुल को दिल्ली टेस्ट में मिल सकता है अंतिम अवसर- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का दूसरा टेस्ट मैच 17 फरवरी से दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम में खेला जाएगा।
भारतीय बल्लेबाज केएल राहुल अपनी खराब फॉर्म को लेकर पहले ही आलोचकों के निशाने पर हैं और अब उनकी परेशानियां और बढ़ती हुई नजर आ रही हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अगर राहुल दिल्ली टेस्ट में भी फ्लॉप रहते हैं तो उनकी टीम से छुट्टी लगभग तय है।
आइए इस रिपोर्ट पर एक नजर डालते हैं।
रिपोर्ट
अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ी भी कतार में खड़े हैं- BCCI अधिकारी
इनसाइडस्पोर्ट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के एक अधिकारी ने कहा है कि अगर वह दिल्ली में विफल रहते हैं तो अन्य खिलाड़ी को मौका दिया जाएगा।
उन्होंने आगे कहा, "हेड कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा ने राहुल का समर्थन किया है। वह उन्हें एक और टेस्ट मैच खिलाने पर जोर दे रहे हैं। ये उनके लिए आखिरी मौका हो सकता है अन्य प्रतिभाशाली खिलाड़ी कतार में खड़े हैं।"
रिपोर्ट
अगली दो पारियां हो सकती हैं निर्णायक
राहुल ने पहले टेस्ट में केवल 20 रन बनाए थे, अब अगली दो पारियां उनके क्रिकेट करियर के लिए काफी अहम होंगी।
उन्होंने टी-20 टीम में अपनी जगह खो दी है जबकि वनडे में उनसे उप-कप्तानी छीन ली गई है।
चोट से उबर रहे श्रेयस अय्यर के वापस आने के बाद राहुल की जगह वैसे भी मुश्किल में होगी।
इसके अलावा शुभमन गिल, सरफराज खान भी टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए लगातार दावेदारी पेश कर रहे हैं।
रिपोर्ट
पिछले 12 माह में राहुल के आंकड़े
राहुल लगातार अपने प्रदर्शन से फैंस को निराश कर रहे हैं। उनके पिछले 12 माह के आंकड़े काफी चिंताजनक रहे हैं।
इस दौरान तीन टेस्ट क्रिकेट मैचों में उन्होंने 15.40 की औसत से 77 रन बनाए हैं। 9 वनडे मैचों में उन्होंने 33.71 की औसत के साथ 236 रन बनाए हैं।
16 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 28.93 की औसत के साथ 434 रन बनाए हैं।
इस दौरान तीनों फॉर्मेट में वे कुल आठ अर्धशतक जमा पाए हैं।
बयान
वेंकटेश प्रसाद कर चुके हैं राहुल की कड़ी आलोचना
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद ने हाल ही में टेस्ट में राहुल के चयन की आलोचना की थी।
उन्होंने कहा था "केएल राहुल की प्रतिभा और क्षमता के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है, लेकिन दुख की बात है कि उनका प्रदर्शन काफी नीचे जा रहा है। 46 टेस्ट के बाद 34 का टेस्ट औसत सामान्य है। राहुल का चयन प्रदर्शन के आधार पर नहीं बल्कि पक्षपात के आधार पर हुआ है।"