टेस्ट क्रिकेट: भारतीय टीम ने 5 मैचों की सीरीज में कब-कब खेली न्यूनतम गेंदें, जानिए आंकड़े
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम और भारतीय क्रिकेट टीम के बीच खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 का समापन हो गया है। भारतीय टीम को 3-1 से शर्मनाक हार मिली है।
भारत के कुछ बल्लेबाजों को छोड़ दें तो सभी ने पूरी तरह से निराश किया है। रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे दिग्गजों के बल्ले से एक भी मैच जीताऊ पारी नहीं निकली।
आइए जानते हैं कि कब-कब भारतीय बल्लेबाजों ने 5 मैचों की टेस्ट सीरीज में सबसे कम गेंदें खेली हैं।
#1
3,736 गेंदें बनाम पाकिस्तान साल-1952/53
भारत और पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बीच पहली टेस्ट सीरीज 1952-53 में खेली गई थी। इसमें भारतीय बल्लेबाजों ने सिर्फ 3,736 गेंदों का सामना किया था।
हालांकि, गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के कारण उसे 2-1 से सीरीज में जीत मिली थी। भारत ने पहला टेस्ट पारी और 70 रन, जबकि तीसरा टेस्ट 10 विकेट से अपने नाम किया था।
सबसे ज्यादा रन बनाने वाले शीर्ष-3 खिलाड़ियों में कोई भारतीय नहीं था। पॉली उमरीगर ने 258 रन बनाए थे।
#2
3,942 गेंदें बनाम ऑस्ट्रेलिया साल- 2024-25
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन इतना खराब रहा कि उन्होंने 5 मैचों की सीरीज में सिर्फ 3,942 गेंदें ही खेली।
भारतीय टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में यह दूसरा मौका है, जब बल्लेबाजों ने इतनी कम गेंदें खेली हैं।
भारत ने 70 साल पुराने शर्मनाक रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा है। इस सीरीज में 6 बार भारतीय टीम का स्कोर 200 रन से कम का रहा।
पहले टेस्ट के बाद खिलाड़ियों के बल्ले से सिर्फ 1 शतक निकला।
#3
4,538 गेंदें बनाम पाकिस्तान साल- 1954-55
साल 1954-55 में भारतीय टीम 5 मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने पाकिस्तान गई हुई थी। उस सीरीज में भारतीय बल्लेबाजों ने सिर्फ 4,538 गेंदें खेली थी।
उस सीरीज में खेले गए सभी मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे। कोई भी टीम 1 भी मैच नहीं जीत पाई थी।
भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले पंकज रॉय ने 5 मैचों की 10 पारियों में 34.12 की औसत से 273 रन बनाए थे। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 78 रन रहा था।
#4
गेंदों के हिसाब से खेली गई सबसे छोटी पारी (10 गेंदें)
अगर टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में गेंदों के हिसाब से सबसे छोटी पारी की बात करें तो वह साल 2009 में खेली गई थी।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम और वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बीच खेला गया टेस्ट मैच सिर्फ 10 गेंदों तक चला था।
साल 2009 में पहले बल्लेबाजी करने उतरी इंग्लैंड टीम 1.4 ओवर ही खेल पाई थी। इसके बाद रेत से बने आउटफील्ड को गेंदबाजों की सुरक्षा के लिए जोखिम भरा माना गया और कोई खेल नहीं हो पाया।