टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल: उंगली फ्रैक्चर होने के बावजूद विकेटकीपिंग करते रहे बीजे वॉटलिंग
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल जीतने के लिए भारत और न्यूजीलैंड दोनों टीमें अपना पूरा जोर लगा रही हैं। कीवी विकेटकीपर बीजे वॉटलिंग अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आखिरी मैच खेल रहे हैं। वॉटलिंग चैंपियन के रूप में अपना करियर खत्म करना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने अपने दर्द को भी भुला दिया। वॉटलिंग ने उंगली फ्रैक्चर होने के बावजूद लगातार विकेटकीपिंग जारी रखी और अपनी दृढ़ता का परिचय दिया।
थ्रो पकड़ते समय लगी थी वॉटलिंग को चोट
लंच से ठीक पहले केन विलियमसन के तेज थ्रो को पकड़ने के चक्कर में गेंद वॉटलिंग के दाहिने हाथ की चौथी उंगली में लग गई थी और वह दर्द से तड़प उठे थे। लंच के दौरान उन्हें मेडिकल टीम की ओर से इलाज भी मिला और अपडेट आई कि उनकी एक उंगली फ्रैक्चर हो गई है। टॉम लाथम के टीम में होने के बावजूद वॉटलिंग ने फ्रैक्चर उंगली के साथ विकेटकीपिंग जारी रखने का निर्णय लिया।
वॉटलिंग के लिए ऐसा रहा करियर का आखिरी मैच
टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल शुरु होने से पहले ही वॉटलिंग ने घोषणा कर दी थी कि यह उनके करियर का आखिरी मुकाबला होगा। करियर के आखिरी मुकाबले में वॉटलिंग ने पहली पारी में केवल तीन गेंदों का ही सामना किया था और एक रन के स्कोर पर आउट हुए थे। उन्होंने दोनों पारियों में मिलाकर पांच कैच लपके जिसमें से तीन दूसरी पारी में और दो पहली पारी में लपके थे।
धोनी से आगे निकले हैं वॉटलिंग
अपने अंतिम मैच में पांच कैच लेकर वॉटलिंग ने टेस्ट में कैच पकड़ने के मामले में एमएस धोनी को पीछे छोड़ दिया है। वह अपने टेस्ट करियर की समाप्ति 257 कैचों के साथ करेंगे जबकि धोनी ने 256 कैच लपके थे। कुल मिलाकर वॉटलिंग टेस्ट में सातवें सबसे अधिक कैच लेने वाले विकेटकीपर हैं। वॉटलिंग (265) नौवें सबसे अधिक टेस्ट शिकार करने वाले विकेटकीपर भी हैं। वह अपने देश के सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर हैं।