IPL 2021 से लीग में नौ टीमेें खिलाने पर विचार कर रही है BCCI
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का 13वां सीजन शुरु होने मेें लगभग पांच महीनों का समय बचा है। लीग में भले ही फिलहाल आठ टीमें खेल रही हैं, लेकिन टीमों की संख्या बढ़ाने पर लगातार बात चल रही है। कुछ दिनों पहले रिपोर्ट आई थी कि 2021 तक लीग में टीमों की संख्या बढ़ाकर 10 की जा सकती है, लेकिन हालिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2022 तक अधिकतम नौ टीमें खिलाने का ही फैसला लिया जा सकता है।
90 मैच का टूर्नामेंट कराने में फिलहाल असमर्थ है BCCI
टीमों की संख्या 10 नहीं किए जाने के पीछे का कारण है कि वर्तमान फ्यूचर टूर प्रोग्राम (FTP) के कारण 90 मैच कराना संभव नहीं हो पाएगा। यदि टीमों की संख्या नौ ही रहती है तो मैचों की संख्या कम होगी और इसे करा पाना आसान भी होगा। 2023 में जब एक बार नया FTP आ जाएगा तो BCCI के पास 10वीं टीम को लीग में शामिल करने का विकल्प रहेगा।
2,000 करोड़ रूपये की बिड मांग रही है BCCI- रिपोर्ट
रिपोर्ट्स के मुताबिक BCCI एक टीम के लिए फिलहाल 2,000 करोड़ रूपये के बिड की मांग कर रही है। हालिया बाजार में इतनी भारी बिड मिलना भी मुश्किल है और यह भी टीमों की संख्या 10 नहीं होने का कारण हो सकता है।
पहले 10 टीमों के खेलने की आई थी खबर
जुलाई में रिपोर्ट्स आई थीं कि 2021 से लीग में 10 टीमें खेल सकती हैं। ऐसा कहा जा रहा था कि पुणे फ्रेंचाइजी के लिए आरपीजी-संजीव गोयनका ग्रुप, अहमदाबाद के लिए अडानी ग्रुप और टाटा ग्रुप रांची और जमशेदपुर के लिए बिड कर सकते हैं। आईपीएल फ्रेंचाइजियों और BCCI के बीच लंदन में हुई एक मीटिंग में इस पर विचार किया गया था। मीटिंग के दौरान BCCI के CEO राहुल जौहरी भी मौजूद थे।
लीग में पहले ही खेल चुकी हैं 10 और नौ टीमें
2008 में IPL की शुरुआत आठ टीमों वाली लीग के रूप में हुई थी। 2011 में दो नई टीमों ने लीग में हिस्सा लिया और उस सीजन कुल 10 टीमें खेली थीं। इसके बाद अगले दो सीजन में टीमों की संख्या घटकर नौ हो गई। 2014 से ही IPL में आठ टीमें ही हिस्सा ले रही हैं। कोच्चि टस्कर्स केरला की टीम एक ही सीजन खेल सकी थी जिसके बाद उन्हें टर्मिनेट कर दिया गया था।
IPL 2020 में नो बॉल के लिए होगा स्पेशल अंपायर
IPL चेयरमैन बृजेश पटेल की अगुवाई में हुई बैठक में नो बॉल के लिए विशेष अंपायर रखने की बात हुई थी। मीटिंग के बाद गवर्निंग काउंसिल के एक अधिकारी ने कहा था, "अगले सीजन IPL में दो ऑन फील्ड अंपायरों के अलावा नो बॉल चेक करने के लिए एक अतिरिक्त अंपायर रखा जा सकता है।" इसके अलावा यह भी कहा गया था कि तकनीक का इस्तेमाल करके नो बॉल पर निगरानी रखी जा सकती है।