एशिायई खेल: घुड़सवारी में भारतीय टीम ने रचा इतिहास, 41 साल बाद जीता स्वर्ण पदक
एशियाई खेल के तीसरे दिन भारतीय खिलाड़ियों का जोरदार प्रदर्शन जारी है। घुड़सवारी के मिश्रित टीम इंवेट ने खिलाड़ियों ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए इतिहास रच दिया है। हृदय छेदा, दिव्यकृति, सुदीप्ति हजेला और अनुष अग्रवाल की जोड़ी ने 41 साल बाद घुड़सवारी में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया है। यह भारत का इस टूर्नामेंट में तीसरा स्वर्ण है। इस इवेंट में भारत को आखिरी पदक साल 1982 में मिला था। आइए पूरी खबर पर एक नजर डालते हैं।
कैसा रहा टीम का प्रदर्शन?
भारतीय टीम ने 209.205 अंक हासिल करते हुए चीन की टीम को पीछे छोड़ दिया। चीन 204.882 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रही और उन्हें रजत पदक मिला। हांगकांग की टीम ने 204.852 अंक के साथ कांस्य पदक अपने नाम किया। इसके अलावा मंगलवार को भारतीय टीम ने सेलिंग में 2 पदक अपने नाम किया है। इबाद अली ने इस खेल में कांस्य और नेहा ठाकुर ने रजत पदक जीता है।
घुड़सवारी में भारत की जीत का वीडियो
भारत का घुड़सवारी में चौथा स्वर्ण पदक
एशियाई खेलों में घुड़सवारी में भारत का केवल चौथा स्वर्ण पदक और इस स्पर्धा में उनका कुल 13वां पदक है। घुड़सवारी में भारत के सभी 3 स्वर्ण पदक 1982 के दिल्ली एशियाई खेलों में आए थे। रघुबीर सिंह ने व्यक्तिगत प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता था। इसके अलावा भारत ने टीम इवेंटिंग में भी स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। उसी साल रूपिंदर सिंह बरार ने भी व्यक्तिगत तौर पर घुड़सवारी टेंट पेगिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था।
इन खेलों में भारत को मिला है स्वर्ण पदक
घुड़सवारी से पहले भारतीय टीम ने अब तक राइफल मुकाबले और क्रिकेट के मैचों में स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। सोमवार को ऐश्वर्य प्रताप सिंह, दिव्यांश सिंह और रुद्रांक्ष पाटिल ने भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया था। इसके बाद भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने श्रीलंका क्रिकेट टीम को हराकर क्रिकेट में स्वर्ण पदक अपने नाम किया था। इन खेलों के अलावा अभी तक किसी भी खेल में भारतीय टीम को स्वर्ण पदक नहीं मिला है।
न्यूजबाइट्स प्लस
मंगलवार को पुरुषों के 57 किग्रा वर्ग के राउंड 32 में भारत के सचिन सिवाच ने इंडोनेशिया के असरी उदिन को एकतराफ अंदाज में 5-0 से हराया और अंतिम 16 में पहुंच गए हैं।