एशेज सीरीज 2025-26: DRS और स्निको मीटर तकनीक पर उठे सवाल, जानिए क्या है पूरा मामला
क्या है खबर?
एशेज सीरीज 2025-26 के तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) और स्निको तकनीक पर सवाल खड़े हो गए हैं। गुरुवार को विवाद उस समय बढ़ा, जब एडिलेड में खेले जा रहे मुकाबले में इंग्लैंड के विकेटकीपर-बल्लेबाज जेमी स्मिथ को थर्ड अंपायर के फैसले पर आउट करार दिया गया। पैट कमिंस की गेंद पर पुल शॉट लगाने से चूकने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने कैच की अपील की, जिसके बाद तकनीकी फैसले ने बहस छेड़ दी।
विवाद
क्या है पूरा मामला?
मैदान पर मौजूद अंपायर नितिन मेनन ने बिना कोई ऑन-फील्ड फैसला दिए सीधे मामला थर्ड अंपायर क्रिस गैफनी को भेज दिया, जबकि दोनों में से किसी भी टीम ने DRS लेने का विकल्प नहीं चुना था। गैफनी ने विकेटकीपर एलेक्स केरी द्वारा कैच को साफ मानते हुए स्मिथ को आउट करार दिया। हालांकि, स्निको में गेंद के बल्ला पार करने के बाद ही स्पाइक दिखा, जिससे इसकी विश्वसनीयता पर फिर बहस छिड़ गई।
दूसरे
लगातार दूसरे दिन हुआ विवाद
स्निको तकनीक से जुड़ा ताजा विवाद एक दिन पहले की उस घटना के बाद सामने आया, जब ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज केरी विकेट के पीछे कैच की अपील के बावजूद बच गए थे। रीप्ले में स्निको ने आवाज जरूर पकड़ी, लेकिन वह गेंद के बल्ले से गुजरने के समय से मेल नहीं खा रही थी। ऑन-फील्ड फैसला केरी के पक्ष में रहा, जिसके बाद इंग्लैंड ने रिव्यू लिया। हालांकि, तकनीक के आधार पर मूल निर्णय बरकरार रखा गया।
समस्या
स्निको तकनीक पर खड़े हो रहे सवाल
एशेज सीरीज में स्निको तकनीक से जुड़ी बार-बार सामने आ रही समस्याओं ने इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। ताजा घटना में स्मिथ फैसला सुनकर हैरानी में सिर हिलाते नजर आए, जबकि कप्तान बेन स्टोक्स भी निराश दिखे। रिव्यू के दौरान दोनों खिलाड़ी फैसले को लेकर असमंजस में नजर आए। हालांकि, स्टोक्स ने संयम बनाए रखा। उनका हावभाव साफ तौर पर इस विवादित तकनीक से असहमति जताता दिखा।
बयान
स्निको के खिलाफ मैदान पर भड़के मिचेल स्टार्क
ताजा विवादों की कड़ी ने फिर DRS में स्निको की भूमिका को कटघरे में खड़ा किया है। मैच के अहम मोड़ों पर लिए गए फैसलों को लेकर अब इस तकनीक में स्पष्ट दिशा-निर्देश और निरंतरता की मांग उठने लगी है। एक अलग घटना में तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क स्टंप माइक पर स्निको की आलोचना करते सुने गए। उन्होंने इसे हटा देने के लायक बताते हुए दो दिनों में हुई कथित गलतियों के बाद इसे सबसे खराब तकनीक करार दिया।