पेरिस ओलंपिक 2024: महिला मुक्केबाज ने रोते हुए मुकाबला छोड़ा, 'पुरुष' से मैच करवाने का आरोप
पेरिस ओलंपिक 2024 से बड़ा विवाद सामने आया है। इटली की मुक्केबाज एंजेला कैरिनी रोते हुए अल्जीरिया की इमाने खलीफ के खिलाफ 46 सेकंड में ही अपना मुकाबला छोड़ दिया। खलीफ उन 2 मुक्केबाजों में से एक हैं, जिन्हें पिछले साल महिला विश्व चैंपियनशिप से टेस्टोस्टेरोन और लिंग पात्रता परीक्षण में विफल होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया था। इसके बावजूद उन्हें ओलंपिक में खेलने की अनुमति दी गई थी। उनपर जैविक पुरुष होने के आरोप लग रहे हैं।
कैरिनि ने रोते हुए कही ये बात
कैरिनी ने रोते हुए मैच के बाद कहा, 'मैं बहुत दुखी हूं। मैं अपने पिता को सम्मान देने के लिए आज रिंग में उतरी थी। मुझे कहा गया कि मैं एक योद्धा हूं, लेकिन मैंने अपने स्वास्थ्य को देखते हुए खेल बंद कर दिया। मैंने आजतक इतना खतरनाक मुक्का नहीं खाया है।' उन्होंने आगे कहा, 'दूसरे मुक्के के बाद मुझे नाक में तेज दर्द महसूस हुई। मैंने हार नहीं मानी, मैं अपना सिर ऊंचा करके मैदान से बाहर गई।'
प्रधांनमंत्री तक पहुंची बात
कैरिनी के हार के बाद इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता समान स्तर पर नहीं थी। उन्होंने कहा, 'मैं इंटरनेशनल ओलंपिक समिति (IOC) से सहमत नहीं हूं। मैंने इटली के एथलीटों के साथ इस पूरे मामले पर एक जरूरी मीटिंग की है। मुझे लगता है कि जिन एथलीटों में पुरुष आनुवंशिक विशेषताएं हैं, उन्हें महिलाओं की प्रतियोगिताओं में प्रवेश नहीं दिया जाना चाहिए।'
यहां से शुरू हुआ था विवाद
इंटरनेशनल बॉक्सिंग एसोसिएशन (IBA) ने दावा किया था कि इन मुक्केबाजों के गुणसूत्र परीक्षण में महिला के XX के बजाय XY आया था, जो आमतौर पर पुरुष का गुणसूत्र होता है। इसके बावजूद IOC ने उन्हें खेलने की अनुमति दी है। इसी कारण यह विवाद का कारण बन रहा है। ओलंपिक में हिस्सा ले रही कई महिला मुक्केबाजों ने भी सवाल उठाया है। खलीफ के अलावा ताइवान की लिन यू टिंग लिंग पात्रता में फेल हो गईं थी।