वनडे विश्व कप 2025 में भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण
क्या है खबर?
बीते रविवार (2 नवंबर) को भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने वनडे विश्व कप 2025 का खिताब जीता। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी वाली भारतीय टीम ने लौरा वोल्वार्ड्ट के नेतृत्व वाली दक्षिण अफ्रीका महिला क्रिकेट को 52 रन से हराया। लीग स्टेज में एक समय लड़खड़ाती हुई नजर आ रही भारतीय टीम ने नॉकऑउट मैचों में कमाल का काम किया। इस बीच विश्व कप में भारतीय टीम के खिलाड़ियों के प्रदर्शन का विश्लेषण करते हैं।
रोड्रिगेज
रोड्रिगेज ने सेमीफाइनल में खेली अविश्वसनीय पारी
भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में अविश्वसनीय मैच जीत दर्ज की। डीवाई पाटिल में हुए उस मैच में ऑस्ट्रेलिया ने पहले खेलते हुए 338/10 का स्कोर बनाया। जवाब में भारत ने 59 रन तक अपने 2 विकेट गंवा दिए थे। संकट की घड़ी में रोड्रिगेज ने नाबाद 127 रन बनाते हुए टीम को उल्लेखनीय जीत दिलाई। उन्होंने इस संस्करण में 7 पारियों में 58.40 की औसत से 292 रन बनाए।
शफाली
किस्मत से मिले मौके के दम पर शफाली ने दिलाई जीत
शुरुआत में शफाली को विश्व कप की टीम में मौका नहीं मिला था, लेकिन प्रतिका रावल के चोटिल होने के बाद उन्हें नॉकआउट मैचों में अवसर मिला। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विफल होने के बाद शफाली ने फाइनल में बल्लेबाजी में 87 रन की पारी खेली। इसके बाद कप्तान हरमनप्रीत ने उन्हें गेंदबाजी की जिम्मेदारी भी दी, जिस पर भी खरी उतरी। फाइनल में उन्होंने 2 विकेट लिए और उन्हें खिताबी मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया।
दीप्ति
दीप्ति ने साबित की अपनी उपयोगिता
दीप्ति इस समय विश्व की शीर्ष वनडे ऑलराउंडर में शुमार हैं। उन्होंने विश्व कप में भी अपनी उपयोगिता साबित की। फाइनल में बल्लेबाजी में उन्होंने 58 रन बनाए और गेंदबाजी में 5 विकेट लिए। उन्होंने टूर्नामेंट में सर्वाधिक 22 विकेट लिए और दूसरी तरफ बल्लेबाजी में 200 से अधिक रन बनाए, जिसमें 3 अर्धशतक शामिल रहे। वह जोरदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द सीरीज चुनी गई।
हरमनप्रीत
आखिरकार हरमनप्रीत की कप्तानी में रचा इतिहास
हरमनप्रीत का यह सम्भवतः आखिरी वनडे विश्व कप था, जिसे जीतकर उन्होंने इतिहास रच दिया। उन्होंने कप्तानी में कुछ फैसले लेकर चौंका दिया, जिसमें शफाली को गेंदबाजों देना भी शामिल रहा। वहीं, बल्लेबाजी में जब टीम को सबसे ज्यादा जरूरत थी, तब हरमनप्रीत ने टीम को संकट से उबारा। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध उन्होंने 89 रन की कप्तानी पारी खेली। मौजूदा संस्करण में उन्होंने 2 अर्धशतकों की मदद से 260 रन अपने नाम किए।
मंधाना
नाम के अनुरूप रहा मंधाना का प्रदर्शन
भारतीय टीम की सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना का बल्ला इस विश्व कप में जमकर बोला। वह सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ियों में दूसरे स्थान पर रहीं। फाइनल मुकाबले में इस खिलाड़ी के बल्ले से 58 गेंदों में 45 रन निकले। वह 9 मैचों की 9 पारियों में 54.25 की औसत और 99.08 की स्ट्राइक रेट से 434 रन बनाने में सफल रहीं। उनके बल्ले से 2 अर्धशतक और 1 शतक निकला।