भारतीय खेलों पर यौन उत्पीड़न का साया, जानिए पहले कब-कब सामने आए हैं ऐसे मामले
महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों ने भारतीय खेल जगत को हिलाकर रख दिया है। पदक जीतकर देश को गौरवान्वित महसूस कराने वाली पहलवान अब इंसाफ के लिए देश की राजधानी में धरने पर बैठी हैं। हालांकि, यह पहला मौका नहीं जब खिलाड़ियों ने ऐसे आरोप लगाए हैं। इससे पहले भी कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। आइए अब तक सामने आए मामलों पर नजर डालते हैं।
महिला कोच ने हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह पर लगाया यौन उत्पीड़न का आरोप
पूर्व भारतीय हॉकी कप्तान और हरियाणा सरकार में खेल मंत्री रह चुके संदीप सिंह को भी हाल ही में यौन उत्पीड़न के आरोप में अपनी कुर्सी छोड़नी पड़ी है। संदीप पर एक महिला कोच ने शारीरिक शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। फिलहाल इस मामले में जांच चल रही है। इसी तरह 2010 में भी भारतीय महिला हॉकी टीम की एक सदस्य ने टीम के कोच किशन कौशिक पर यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे।
भारत की अंडर-17 महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ी भी लगा चुकी हैं आरोप
भारत की अंडर 17 महिला टीम की खिलाड़ियों ने भी छह महीने पहले टीम के सहायक कोच एलेक्स एम्ब्रोस पर टीम के यूरोप दौरे पर खिलाड़ियों का यौन शोषण करने के आरोप लगाए थे। इसके बाद अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) ने आनन-फानन में कार्रवाई करते हुए कोच को बर्खास्त कर मामले को शांत कर दिया। हालांकि, सबसे बड़ी बात यह रही कि इन आरोपों के बाद भी AIFF ने एम्ब्रोस को हाल ही में पद पर बहाल कर दिया।
ACA सचिव पर भी लग चुके हैं गंभीर आरोप
क्रिकेट का खेल भी इस कलंक से अछूता नहीं है। 2009 में आंध्र प्रदेश क्रिकेट संघ (ACA) के सचिव वी चामुंडेश्वरनाथ पर महिला खिलाड़ियों ने गंभीर आरोप लगाए थे। खिलाड़ियों का आरोप था कि सचिव चयन के बदले उनकी अस्मत मांगते हैं। क्रिकेट से जुड़ा एक अन्य मामला 2020 का है जब दिल्ली में एक कोच ने महिला क्रिकेटर से छेड़छाड़ की थी। उस घटना के बाद पीड़ित क्रिकेटर ने मामले में पुलिस में FIR भी दर्ज कराई थी।
बॉक्सिंग में चयन के बदले अस्मत मांगने के लग चुके हैं आरोप
बॉक्सिंग जैसे आक्रामक खेल में भी महिला खिलाड़ी सुरक्षित नहीं हैं। रिंग में वह भले ही विरोधियों को परास्त कर दे, लेकिन अपनों के आगे उन्हें भी हार माननी पड़ती है। मार्च, 2011 में तमिलनाडु में स्टेट एमेच्योर बॉक्सिंग एसोसिएशन के सचिव पर एक महिला बॉक्सर ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। महिला ने अपनी शिकायत में लिखा था कि सचिव ने उससे राष्ट्रीय प्रतियोगिता में चयन के लिए उसकी अस्मत का सौदा करने का प्रयास किया था।
एथलेटिक्स में सात महिला खिलाड़ियों ने कोच पर लगाया था दुर्व्यवहार का आरोप
एक अन्य चौंकाने वाला मामला जुलाई, 2021 में एथलेटिक्स में सामने आया था। उस दौरान तमिलनाडु में सात महिला एथलीट्स ने कोच पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। महिला एथलीट्स ने ट्रैक एंड फील्ड कोच पी नागराजन पर कई सालों तक दुर्व्यवहार करने के संगीन आरोप लगाए थे। बड़ी बात यह रही कि इस खेल में यह पहला मामला था जब किसी कोच पर इस तरह के आरोप लगाए गए थे।
आरोपों के बाद क्या की गई कार्रवाई?
एक RTI रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में ही 2010 से लेकर 2020 के बीच यौन उत्पीड़न के 45 मामले प्रकाश में आए थे। इनमें 29 कोचों पर तो सीधे तौर पर आरोप थे और पीड़िताओं ने कोचों के खिलाफ लिखित में शिकायत दर्ज करवाई थी। इसके बाद भी इनमें से ज्यादातर को संदेह का लाभ देकर छोड़ दिया गया। कई कोचों के वेतन या पेंशन में मामूली कटौती की गई और कुछ का ट्रांसफर कर दिया गया।
क्या है वर्तमान में चल रहा यौन उत्पीड़न का मामला?
दिग्गज पहलवान विनेश फोगाट के नेतृत्व में साक्षी मलिक, अंशू मलिक, बजरंग पूनिया, रवि दहिया और दीपक पूनिया आदि महिला खिलाड़ियों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायत को लेकर 18 जनवरी से दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। खिलाड़ियों का आरोप है कि WFI अध्यक्ष बृजभूषण खिलाड़ियों का यौन उत्पीड़न करते हैं और कई कोच उन्हें प्रताड़ित करते हैं। पहलवान बृजभूषण को उनके पद से हटाने और पूरे WFI को भंग करने की मांग कर रहे हैं।