तालिबान के प्रतिबंध के बाद अफगानिस्तानी महिला क्रिकेटर ने ICC से लगाई गुहार, जानिए क्या कहा
क्या है खबर?
अफगानिस्तान के इतिहास में 15 अगस्त, 2021 का दिन काले दिनों में से एक था। तालिबान के नियंत्रण में आते ही लाखों लोग देश छोड़कर भागने को मजबूर हो गए थे।
तालिबान ने देश में महिलाओं के खेल और शिक्षा पर प्रतिबंध लगा दिया। उस समय अफगानिस्तान क्रिकेट टीम की खिलाड़ी रहीं फिरोजा अमीरी पाकिस्तान चली गईं और अब ऑस्ट्रेलिया में रहने को मजबूर हैं।
उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) से क्रिकेट को बहाल करने के लिए गुहार लगाई है।
बयान
महिला खिलाड़ियों ने क्यों छोड़ा अफगानिस्तान?
अमीरी ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "2 हफ्ते पहले तालिबान की सालगिरह थी। यह मेरे और अफगानिस्तान की सभी लड़कियों के लिए काला दिन था। हमारे सपने और कई वर्षों के प्रयास खत्म हो गए थे। हमने काबुल के विदेशी दूतावासों में पहुंचने का फैसला किया था। जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा कि अफगानिस्तान पूरी तरह से तालिबान के हाथों में था और सभी लोग हवाई अड्डे की ओर भाग रहे थे। हमने भी वैसा ही किया था।"
गोली
मेरे सामने मारी गई एक युवक को गोली- अमीरी
अमीरी ने आगे कहा, "यह मेरे लिए बहुत दर्दनाक था जब मैंने देखा कि लड़कियां, पत्रकार और राजनेता हवाई अड्डे जा रहे थे और अपना देश छोड़ रहे थे। मेरे लिए, मेरे जीवन का सबसे भयानक क्षण वह था जब मैंने देखा कि हर जगह गोलीबारी हो रही थी, लोग चीख रहे थे और रो रहे थे। एक युवक को 5 बार गोली मारी गई थी। हम रुक गए और कुछ देर के लिए एक सुरक्षित घर में चले गए।"
बहाल
अमीरी ने अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड से पूछे ये बड़े सवाल
अमीरी ने अपने देश के क्रिकेट बोर्ड से सवाल करते हुए कहा, "क्या आप बता सकते हैं कि हमारे राष्ट्रीय खेल अनुबंधों और भविष्य में खेलने के अवसरों पर आधिकारिक रुख क्या है। महिलाओं के लिए ICC द्वारा अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) को प्रदान की गई धनराशि का पैसा कहां है? क्या इसे हमारे लिए ऑस्ट्रेलिया के किसी संगठन में पुनर्निर्देशित किया जा सकता है, ताकि ऑस्ट्रेलिया में रह रहे खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व कर सकें।"
ICC
ICC ने क्या कहा?
ICC का इस पूरे मामले पर कहना है कि वह बोर्ड का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी सदस्य देश का खिलाड़ियों के साथ संबंध कैसा रहेगा यह उस देश के बोर्ड पर निर्भर करता है। ICC का इससे कोई लेना देना नहीं होता है।
ICC ने आगे कहा कि पुरुषों और महिलाओं की राष्ट्रीय टीमों को मैदान में उतारने का अधिकार पूरी तरह से सदस्य बोर्ड के पास है। ICC से इसका कोई लेना-देना नहीं है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
अफगानिस्तान की महिला टीम ने पहला अंतरराष्ट्रीय मुकाबला साल 2012 में तजाकिस्तान क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला था। साल 2021 में इस टीम को टेस्ट, वनडे और टी-20 सभी मैचों का अधिकार मिला था। इसी साल उन्होंने अपना आखिरी मुकाबला भी खेला था।